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International : कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत, भारत कंबोडिया के साथ अपने रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ करने का इच्छुक: राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्रा कंबोडिया और भारत के संबंधों के महत्व को प्रदर्शित करती है

कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत, भारत कंबोडिया के साथ अपने रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ करने का इच्छुक: राष्ट्रपति मुर्मू नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि भारत पर्यटन और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के अलावा कंबोडिया के साथ अपने रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने का इच्छुक है। मुर्मू ने यहां राष्ट्रपति भवन में कंबोडिया के नरेश नोरोडोम सिहामोनी का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और कंबोडिया के बीच व्यापार और निवेश में और वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत दक्षिण पूर्व एशियाई देश के साथ अपने रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ करने का इच्छुक है। कंबोडिया और भारत के संबंधों का महत्व :मुर्मू ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए पर्यटन और लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के प्रयास करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इससे पहले राष्ट्रपति ने भारत की पहली यात्रा पर राजा सिहामोनी का स्वागत किया। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्रा कंबोडिया और भारत के संबंधों के महत्व को प्रदर्शित करती है। क्योंकि दोनों देश एक समृद्ध और जीवंत संबंध साझा करते हैं। मुर्मू ने कहा कि हम अपने साझा इतिहास को महत्व देते हैं। कंबोडिया को अपनी सभ्यतागत बहन देश मानते हैं। उन्होंने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता में वैश्विक दक्षिण के विकासशील देशों के हितों की अगुवाई कर रहा है। उन्होंने इस साल फरवरी में वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र में कंबोडियाई प्रधान मंत्री हुन सेन की भागीदारी की सराहना की। राष्ट्रपति ने पिछले साल आसियान की अध्यक्षता सफलतापूर्वक पूरी करने के लिए कंबोडिया को बधाई दी। मुर्मू ने सिहामोनी के सम्मान में भोज का भी आयोजन किया। अपने राजभोज भाषण में, राष्ट्रपति ने कहा कि क्षमता निर्माण, मानव संसाधनों के विकास और सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान करने के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की अपनी खोज में कंबोडिया का भागीदार बनना भारत के लिए सौभाग्य की बात है। राष्ट्रपति भवन के एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (दुनिया एक परिवार है) के दर्शन में विश्वास करता है। मुर्मू ने कहा कि भारत और कंबोडिया के बीच बहुआयामी संबंध और आज हमारे साथ राष्ट्रपति भवन में महामहिम की गरिमामयी उपस्थिति इस सदियों पुरानी अवधारणा की सुंदर अभिव्यक्ति हैं।

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