मौसम विभाग द्वारा 18-19 अक्टूबर को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया था। इन दो दिनों में हुई मूसलाधार बारिश ने सबकुछ तहस नहस करके रख दिया। वहीं इस भारी वर्षा का कहर नैनीताल पर टूट पड़ा और नैनीताल के भवाली मार्ग पर कई जगहों पर सड़के क्षतिग्रस्त हो गयी, व सड़को पर मलवा भर जाने के कारण मार्ग पूरी तरह बंद हो गए थे।
इस दो दिवसीय बारिश के बंद होने के बाद विभाग द्वारा सड़को के मलवे को कुछ हद तक साफ करवाया गया था, ताकि यातायात को शुरु किया जा सके। लेकिन एक महीना पूरा होने के बाद भी सड़को का मलवा अभी तक पूरी तरह साफ नहीं किया गया है। भारी मात्रा में सड़को के किनारे मलवे के ढ़ेर लगे है और पत्थर सड़को पर ऐसे ही बिखरे पड़े है।
पत्थरों के बिखरे रहने से सबसे ज्यादा परेशानी दो पहिया वाहनों को हो रही है। इससे वाहनों पर दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा लगातार बना हुआ है।
प्राकृतिक आपदा के दौरान हुई क्षति से सड़के पूरी तरह साफ न होने कारण धूलयुक्त हो गयी है, वहीं वाहन चालकों को मजबूरी में इस उड़ती धूल का सामना करना पड़ रहा है। एक माह बाद भी सड़को का निर्माण कार्य पूरी तरह से सुरक्षामयी नहीं हो पाया। ऐसे में शीतकाल में फिर से बारिश की संभावनाएं बनी है, और इन क्षतिग्रस्त सड़को का और अधिक ग्रसित होने की संभावनाएं है।
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लैनिवि नैनीताल के अभियंता दीपक गुप्ता का कहना है कि क्षतिग्रस्त सड़क के काम को लेकर खर्चे के अनुमान को तैयार किया जा रहा है। निर्माण कार्य जल्द ही शुरु कर दिया जाएगा और सड़क को पूरी तरह से साफ किया जाएगा।
सिमरन बिंजोला