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अब ऐसे डॉक्टरों पर नकेल कसने की तैयारी में उत्तराखंड सरकार

Now the Uttarakhand government is preparing to crack down on such doctors. उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले एमबीबीएस स्टूडेंट को अब बॉन्ड तोड़ना भारी पड़ेगा, क्योंकि उत्तराखंड सरकार ने अब ऐसे डॉक्टरों पर नकेल कसने की तैयारी में है। जो बॉन्ड भरने के बावजूद पहाड़ों में अपनी सेवा नहीं देते हैं. इस बार बॉन्ड तोड़ने पर एमबीबीएस छात्रों को ढाई करोड़ का भारी भरकम जुर्माना भरना पड़ेगा। ऐसे में अब डॉक्टर बॉन्ड तोड़ने से पहले सौ बार सोचेंगे। प्रदेश सरकार अब बॉन्ड तोड़ने वाले डॉक्टरों के खिलाफ एक करोड़ से लेकर ढाई करोड़ तक जुर्माना वसूलेगी। हल्द्वानी दौरे पर पहुंचे स्वास्था मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जनसंवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने कहा मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टर उत्तराखंड में सेवाएं देने का बॉन्ड तोड़कर यहाँ से चले जाते है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रदेश सरकार का भी भारी नुकसान हो रहा है यहीं नहीं डॉक्टरों की प्रदेश में भारी कमी है, लेकिन बॉन्ड में शिथिलता के चलते छात्र इसका फायदा उठाकर पढ़ाई पूरी करने के बाद यहां से चले जाते है। उन्होंने कहा कि मार्च महीने में भारी संख्या में उत्तराखंड को डॉक्टर मिलने जा रहे हैं। जहां नताल जनपद के ओखलकांडा क्षेत्र में 15 डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी । धन सिंह रावत ने मीडिया से लिए गए सुझाव पर जल्द अमल करने की बात कही, साथ ही इन की कार्य योजना सीएमओ के माध्यम से कराए जाने के निर्देश भी दिए। ऐसे में अब पढ़ाई पूरी करने के बाद जो भी मेडिकल छात्र बॉन्ड को तोड़ेगा, उसे जुर्माना देना होगा. पीजी करने वाले डॉक्टरों को ढाई करोड़, जबकि यूजी एमबीबीएस करने वाले डॉक्टर को एक करोड़ जुर्माना देना होगा. आगामी सत्र में इस नियम को लागू कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा अब प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में अस्पतालों के पर्चे का रेट एक करने जा रही है, साथ ही अस्पतालों में होने वाले एक्स-रे सहित अन्य मेडिकल टेस्ट को एक रेट करने जा रही है जिससे लोगों को इसका फायदा मिल सके। धन सिंह रावत ने कहा अभी तक अलग-अलग अस्पतालों में ओपीडी के पच और टेस्ट के रेट अलग-अलग है. आने वाले कैबिनेट में इस पर फैसला लेकर पूरे प्रदेश मैं एक रेट लागू किया जाएगा। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा जो भी सरकारी हॉस्पिटल है. वहां पर रोगी कल्याण समिति का गठन किया जा रहा है. जहां उस अस्पताल का अध्यक्ष विधायक होगा. जहां कमेटी के माध्यम से हर महीने उस अस्पताल की कार्य योजना की जानकारी ली जाएगी। और छोटी मोटी कमियों को कमेटी के माध्यम से दूर किए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने पत्रकारों के साथ स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम किया. जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की बारीकी से जानकारी दी। इसके साथ ही पत्रकारों से स्वास्थ्य विभाग में बेहतरीन किए जाने को लेकर विभिन्न सुझाव मांगे। इस दौरान हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने भी विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा अस्पतालों में सर्जन डॉक्टरों की कमी पूरा करने लिए इसी महीने 46 सर्जन डॉक्टरों का सलेक्शन हुआ है. अस्पतालों की डॉक्टर की कमी को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मार्च महीने में भारी संख्या में उत्तराखंड को डॉक्टर मिलने जा रहे हैं. जहां नताल जनपद के ओखलकांडा क्षेत्र में 15 डॉक्टरों की तैनाती की खाएगी धन सिंह रावत ने मीडिया से लिए गए सुझाव पर जल्द अमल करने की बात कही, साथ ही इन की कार्य योजना सीएमओ के माध्यम से कराए जाने के निर्देश भी दिए। उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले MBBS स्टूडेंट को अब बॉन्ड तोड़ना पड़ेगा भारी

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