चित्रकूट की महिला के साथ गैंगरेप मामले में मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में आरोपी विकास वर्मा और अमरेंद्र सिंह की ओर से मौखिक बहस की गई। विशेष न्यायाधीश पवन कुमार रॉय ने आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत के अन्य आरोपियों का मौखिक साक्ष्य का अवसर समाप्त कर दिया और सभी को लिखित बहस दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले में लिखित बहस देने के लिए 8 नवंबर और फैसला सुनाने के लिए 10 नवंबर की तारीख तय करते हुए आरोपियों को जेल से तलब किया है।
इसके पहले कोर्ट में गायत्री समेत सभी आरोपियों को जेल से लाकर पेश किया गया। जहां विकास और अमरेंद्र के वकील ने मौखिक बहस करने के बाद लिखित बहस देने की बात कही। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। जबकि आरोपी चंद्रपाल, रूपेश्वर, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ल की ओर से कोई वकील हाजिर नहीं हुआ और न ही समय की मांग वाली अर्जी दी गई। कोर्ट ने इन तीनों आरोपियों की ओर से बहस करने का अवसर समाप्त करके लिखित बहस दाखिल करने की तारीख तय कर दी। आरोपी अशोक की ओर से गवाही के लिए एक और मौका देने की मांग वाली अर्जी दी गई। इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।