उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के मतदान के बीच राजनीतिक समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं. 2017 का चुनाव गठबंधन कर एक साथ लड़ने वाली सपा और कांग्रेस इस बार अलग-अलग ताल ठोक रही हैं. ऐसे में सवाल उठते हैं कि क्या चुनाव के बाद जरूरत पड़ने पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी को समर्थन देगी. यह सवाल जब प्रियंका गांधी से किया गया तो उन्होंने इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं की.
प्रियंका गांधी ने कहा कि अभी चुनाव बाद जो भी स्थिति बनेगी उसके हिसाब से देखा जाएगा. समर्थन देने पर मना नहीं किया, ऑप्शन ओपन है. प्रियंका ने आगे कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां कर मिलकर चुनाव लड़ती तो फायदा होता. मैं तो चाहती थी, लेकिन मेरे चाहने से कुछ नहीं होता. लेकिन मुझे कांग्रेस पार्टी का संगठन खड़ा करने का मौका मिला. 400 सीटों पर हमारे उम्मीदवार लड़ रहे हैं. इससे हमारा संगठन मजबूत होगा।
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि पार्टी भविष्य में जो भी जिम्मेदारी देगी, वे निभाएंगी. लेकिन वे यूपी छोड़कर जाने वाली नहीं हैं. मैंने इस बात के लिए मजबूर किया है कि चुनाव में जमीन से जुड़े मुद्दे ही उठें, लेकिन बीजेपी या दूसरे लोग जनता के मुद्दे नहीं उठा रहे हैं।
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प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि राहुल गांधी और वे अमेठी में 2 दिन बाद इकट्ठे चुनाव प्रचार करेंगे. इंदिरा गांधी की प्रियंका गांधी में छवि और केंद्र में बड़ी भूमिका के बारे में प्रियंका गांधी ने कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, वह उन्हें मंजूर होगी. लेकिन वह यूपी छोड़कर नहीं जाने वाली हैं. बता दें कि आज उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का मतदान हो रहा है. इस विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की सपा, जयंत चौधरी की पार्टी रालोद के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।