सीजनल कामों में लगे वाहन स्वामियों को बेवजह टैक्स जमा नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने उनके परमिट सरेंडर करने की समयसीमा दोगुनी कर दी है। वहीं, वाहनों की नीलामी के लिए वरिष्ठ आरटीओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने पर मुहर लगा दी है।
बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड मोटरयान कराधान सुधार नियमावली 2022 पर मुहर लग गई। चारधाम यात्रा में चलने वाली कांट्रेक्ट कैरिज वाहन भी करीब छह माह खड़े रहते हैं। लिहाजा, जब वाहन नहीं चलेगा तो उसका टैक्स भी नहीं कटेगा।
सरकार ने उन चोरी, आपदा, दुर्घटना और वाहन जब्त होने की परिस्थितियों को भी अब विशेष मान लिया है। इन परिस्थितियों में वाहन को अनुपयोग की श्रेणी में माना जाएगा।
इसके नियम-3 के तहत अब आरटीओ भी कराधार अधिकारी नामित किया गया है। 2012 से पहले तक एआरटीओ व आरटीओ को यह पावर थी। 2012 में इसमें से आरटीओ को हटा दिया गया था। लेकिन अब दोबारा शामिल किया गया है।