यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर में दलित कार्यकर्ता के घर भोजन करने को लेकर शिवसेना ने निशाना साधा है। शिवसेना ने लिखा कि भाजपा नेता अभी भी दलितों के घर भोजन का आयोजन करते हैं इसका प्रचार किया जाता है इससे पता चलता है कि जाति उनके दिमाग में हैं वे इसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। सामना के जरिए आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक फायदे के लिए देश को जाति के आधार पर बांटा गया है इसलिए जाति उन्मूलन कार्यक्रम महज एक दिखावा है आज भी चुनाव लड़ने के टिकट जाति के गणित के आधार पर बांटे जाते हैं फरवरी 2019 में प्रयागराज में सफाई कर्मियों के पैर धोने को लेकर पीएम मोदी की भी आलोचना की गई है
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मोदी ने गंगा नदी में डुबकी लगाई और फिर दलितों के पैर धोए अब बीजेपी नेता उनके घर जा रहे हैं जाति कब भूलेगी हम सभी इंसान हैं और कोई जाति विभाजन नहीं होना चाहिए लेकिन आप दलित परिवार में भोजन के लिए जाते हैं सब ढ़ोंग है वोट बैंक की राजनीति बंद करो नहीं तो देश एक बार फिर जाति के आधारक पर बंट जाएगा।
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Up में बदलाव की ताकत सपा कांग्रेस के पास
पॉलिसी के तहत भाजपा की महाराष्ट्र यूनिट शिवसेना के मुखपत्र में आलोचना का जवाब नहीं देती है राउच ने यह भी कहा कि यूपी में कांग्रेस सपा और अन्य गैर भाजपा दल फरवरी मार्च विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता में भाजपा की जगह ले सकते हैं सपा नेता अखिलेश यादव को पूरी तरह से चुनाव पर ध्यान देना चाहिए और सभी को साथ लेकर चलना चाहिए अखिलेश को लोग काफी उम्मीदों से देख रहे हैं हम उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन बदलाव लाने की ताकत समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के पास है।
आरती राणा