लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर 2021 को हुई तिकुनिया हिंसा घटना में तीन महीने बाद बड़ा खुलासा हुआ है। बीते दिन इस मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) से मुख्य ज्यूडिकेटर विद्याराम दिवाकर ने सपष्ट कर दिया है कि यह मामला कोई गलती नहीं एक सोची समझकर किया गया षड़यंत्र के कारण किया गया कार्य है।
बीते 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने तिकुनिया इलाके में किसानों के विरोध प्रदर्शन प्रारंभ करने झड़प हो गई। आरोप के मुताबिक आशीष मिश्रा के किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने से 4 लोगों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद मामला बढ़ गया और हिंसा भड़कने से बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत 4 लोगों की मौत हो गई जिससे इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई। इस हादस में आरोपितों को गिरफ्तार करके केस चल रहा है।
यह भी पढ़ें- केदारपुरी को बनाया जाएगा प्लास्टिक फ्री जोन, सरकार की नयी पहल
एक्सीडेंटल केस के पहलू से हो रही थी जांच
इस हिंसा के केस को संबाल रही एसआईटी अब तक एक्सीडेंटल केस के साथ ही विकल्प के रूप में हत्या की धाराओं के साथ केस कि जांच कर रही थी लेकिन बीते दिन मुख्य ज्यूडिकेटर विद्याराम दिवाकर के अनुसार बारीकी से परिक्षण करने पर यह साफ हुआ है कि गैरजिम्मेदारी और उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए मृत्यु नहीं हुई बल्कि सोची समझी साजिश के चलते भीड़ को कुचलने हत्या करने और हत्या कि कोशिश करने के षडियंत्र का केस है। उन्होने कहा कि केस को बदलते हुएहुए हत्या और हत्या के प्रयास के साथ ही अंग भंग करने की धाराएं लगाई जानी चाहिए।
हादसे के केस से संबंधित धाराएं हटेंगी
ज्यूडिकेटर विद्याराम का रिपोर्ट देते हुए कहना था कि हादसे के मामले से संबंधित धाराओं को हटाया जा रहा है जिसके चलते गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर लगी धारा 279, 337, 338, 304 ए को हटाया जा रहा है तथा होश में जानलेवा हमला करने व खंडन करने कि धारा 120 बी, 307, 34, 326 आईपीसी की धाराओं को बढ़ाया है।
अंजली सजवाण