Smriti Mandhana: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उप-कप्तान और स्टार बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना इन दिनों अपनी निजी ज़िंदगी को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि उनकी पलाश के साथ होने वाली शादी रद्द हो गई है। इसी बीच वह एक कार्यक्रम में शामिल हुईं, जहां उन्होंने अपनी निजी और प्रोफेशनल जर्नी पर खुलकर बात की।
एमेज़ॉन संभव समिट में पहली बार नजर आईं
शादी टूटने के बाद स्मृति मंधाना पहली बार ‘एमेज़ॉन संभव समिट’ में पहुंचीं। उनके साथ टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर भी मौजूद थीं। इस दौरान स्मृति ने साफ कर दिया कि उनकी जिंदगी में सबसे बड़ी प्राथमिकता क्रिकेट ही है। उन्होंने कहा- मुझे क्रिकेट से ज्यादा कुछ पसंद नहीं है। इंडिया की जर्सी पहनना ही सबसे बड़ी प्रेरणा है। जब आप मैदान पर होते हैं तो सारी परेशानियां भूल जाते हैं.स्मृति ने बताया कि बचपन से ही उन्हें बल्लेबाजी का जुनून था और हमेशा से उनका सपना था कि लोग उन्हें ‘वर्ल्ड चैंपियन’ कहें।
वर्ल्ड कप जीतना था बचपन का सपना
स्मृति मंधाना ने अपने 12 साल के क्रिकेट करियर को याद करते हुए बताया कि हाल ही में मिली वर्ल्ड कप जीत उनके लिए बेहद खास थी। उन्होंने कहा- ‘हम इस जीत का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। मैच से पहले ही हमने इसे अपने दिमाग में सच होते देखा था। जब स्क्रीन पर वो पल आया, तो रोंगटे खड़े हो गए।’
उन्होंने यह भी बताया कि फाइनल में मिताली राज और झूलन गोस्वामी की मौजूदगी ने इस जीत को और खास बना दिया। ‘हम उनके लिए भी जीतना चाहते थे। उनकी आंखों में आंसू देखकर लगा कि यह पूरी महिला क्रिकेट की जीत है।’
वर्ल्ड कप ने दो बातें सिखाईं
साथ ही स्मृति मंधाना ने बताया की वर्ल्ड कप जीत ने उन्हें दो बड़ी बातें सिखाईं- पहली हर पारी शून्य से शुरू होती है, चाहे पिछली बार आप शतक ही क्यों न बना लें। और वही दूसरी – खिलाड़ी को अपने लिए नहीं, टीम के लिए खेलना चाहिए।
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