तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी के कपाट आज विधि विधान से बंद कर दिए गए ।

तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी के कपाट आज सोमवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे शीतकाल के लिए विधि विधान से बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को समाधिस्थ किया गया।

बता दें कि तुंगनाथ  के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली मंदिर परिसर में विराजमान हुई। मंदिर की परिक्रमा के पश्चात डोली ने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया। जहां पर भगवान तुंगनाथ की डोली का भव्य स्वागत हुआ। आज देव डोली रात्रि विश्राम चोपता में करेगी। 8 नवंबर को देव डोली बड़तोली होते हुए भनकुन पहुंचेगी रात्रि प्रवास भनकुन में रहेगा।

कपाट बंद होने के अवसर पर केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल मंदिर प्रबंधक बलबीर नेगी,मठापति राम प्रसाद मैठाणी, चंद्रमोहन बजवाल,पुजारी अतुल मैठाणी, रवीन्द्र मैठाणी, अजय मैठाणी डोली आदि मौजूद रहे।

तुंगनाथ में इस वर्ष दर्शनार्थियों की संख्या 27000 पहुंची, जो नया रिकॉर्ड है। इससे पूर्व वर्ष 2017 में 24 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने आराध्य के दर्शन किए थे।

तो वही इस वर्ष  कपाट 6 मई को खोले गए थे। चारधाम यात्रा में उमड़े श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते तृतीय केदार तुंगनाथ में भी इस वर्ष पूरे सीजन में श्रद्घालु रहे। मई तीसरे सप्ताह से जून तीसरे सप्ताह तक एक माह में ही यहां 12 हजार से अधिक  आये है।

More From Author

फीफा वर्ल्ड कप इतिहास।

भारत स्काउट एवं गाइड की स्थापना दिवस के अवसर पर प्रतिनिधि दल ने मुख्यमंत्री को स्टीकर एवं ध्वज लगाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *