आगामी चुनावों में जीतने कि होड़ मे हर पार्टी लगी हुई है। किंतु कांग्रेस पार्टी का समय कुछ ठीक नहीं लग रहा है। उन्हें 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व ही बड़ा झटका लगा है। बता दें कि अमेठी लोकसभा सीट जीतने के बाद भाजपा ने हाल ही में रायबरेली के दो कांग्रेसी विधायकों को पार्टी में समिलित करने के संकेत मिल रहें हैं। रायबरेली सदर सीट की विधायक अदिति सिंह को पार्टी में जगह दी गई है। साथ ही हरचंदपुर से विधायक राकेश सिंह भी योगा की नेतृत्व में आस्था दिखाते हुए भगवा पार्टी का भाग बन गए हैं।
जानकारी के अनुसार सरेनी, बछरावां, और सलोन विधानसभा सीट पर पहले से ही भाजपा का कब्जा था। फिलहाल सलोन की सीट खाली है क्योंकि इसी साल मई में सलोन के विधायक दल बहादुर कोरी की मृत्य हुई है। ऊंचाहार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के नेता मनोज विधायक हैं। जिससे रायबरेली में अब कांग्रेस का कोई विधायक नहीं बचा है। इन हालांतों के चलते 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए भी सोनिया गंधी व कांग्रेस की चिंता बढ़ने वाली है।
बता दें कि भले ही रायबरेली सदर की विधायक अदिति सिंह राजनीति में नई होने के साथ उन्होने अपने पिता की विरासत को मजबूती से संभाला है व अच्छा संपर्क रखने वाली नेता मानी जाती है। उनके पिता अखिलेश सिंह बहुत बार निर्दलीय विधायक बन चुके हैं। इस बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि उनका रुत्बा किस कदर था। अदिति कि एंट्री से यह स्पष्ट होता है कि, बीजेपी को रायबरेली विधानसभा सीट के साथ-साथ लोकसभा में भी सहायता मिलेगी।
2019 चुनाव में दी थी सोनिया को टक्कर
भाजपा के एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने सोनिया गांधी को 2019 चुनाव में कड़ी चुनौती दी थी। राकेश प्रताप सिंह उन्हीं के छोटे भाई हैं। 2019 चुनाव में सोनिया गांधी की जीत का अंतर 1 लाख 67 हजार ही था। 2004 से ही सोनिया गांधी इस सीट पर विजय होती रहीं हैं किंतु अब बने नए समीकरण उनके लिए परेशानियां पैदा करते दिख रहे हैं। उनके मुकाबले 367740 वोट हासिल करके दिनेश ने दिखा दिया था कि भाजपा पहली जैसी स्थिति में नहीं है। एक समय में दिनेश प्रताप सोनिया गांधी के करीबी हुआ करते थे। साथ ही उनका परिवार रायबरेली जिले मे काफि प्रभाव रखता है।
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दिनेश प्रताप की बीजेपी मे एंट्री
बता दें कि बीजेपी में दिनेश एंट्री के पश्चात जिले की सियासी माहौल बदलता दिख रहा है। पहले 2017 में बीजेपी नें सरेनी, सलोन व हरचंदपुर की विधानसभा सीट अपने बल पर विजय प्राप्त करके हैरान कर दिया था। अन्य दो विधायकों के आगमन से अधिक मजबूत हो चुकी है। साथ ही एक समय में ऊंचाहार सीट भी कभी स्वामी प्रसाद मौर्या की राजनीति का केंद्र रही है। वह भी अब बीजेपी के मंत्री हैं।
अंजली सजवाण