अंकारा: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने अपने शासन को तीसरे दशक तक बढ़ाते हुए तुर्की का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. सीएनएन ने बताया है कि रविवार को हुए मतदान में एर्दोगन ने विपक्ष के नेता केमल किलिकडारोग्लू को हरा दिया. रविवार को तुर्की की सुप्रीम इलेक्शन काउंसिल (YSK) द्वारा घोषित आधिकारिक परिणामों ने एर्दोगन को 52.14 प्रतिशत वोटों के साथ जीतते हुए दिखाया. किलिकडारोग्लू को 47.86 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं. कुल 99.43 प्रतिशत वोटों की गिनती की गई है.
सीएनएन के अनुसार, चुनाव परिणामों के आधिकारिक होने से पहले एर्दोगन इस्तांबुल में अपने निवास के बाहर एक अभियान बस की छत जश्न मनाते नजर आए. एर्दोगन ने तुर्की का झंडा लहराते हुए समर्थकों की एक बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने राष्ट्र को धन्यवाद दिया. एर्दोगन ने कहा कि उन्होंने अपने राष्ट्र के पक्ष में राष्ट्रपति चुनाव का दूसरा दौर पूरा किया है. मुझे लोकतंत्र का एक दिन देने के लिए मैं अपने देश का आभार व्यक्त करना चाहता हूं.
एर्दोगन अपनी इस जीत को तुर्की की जनता की जीत बताया है. उन्होंने दो चुनावी दौरों का जिक्र करते हुए कहा कि 14 मई और 28 मई के चुनाव दोनों के विजेता हमारे सभी 85 मिलियन नागरिक हैं. चुनाव हारने के बाद राजधानी अंकारा में अपने पार्टी मुख्यालय में बोलते हुए विपक्षी नेता किलिकडारोग्लू ने कहा कि वह तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक कि तुर्की में वास्तविक लोकतंत्र नहीं है.
किलिकडारोग्लू ने कहा कि यह हमारे इतिहास में सबसे अनुचित चुनाव अवधि थी, हम डर के माहौल के आगे नहीं झुके. इस चुनाव में तमाम दबावों के बावजूद सत्तावादी सरकार को बदलने की लोगों की इच्छा स्पष्ट हो गई.