उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथने 37 साल पुराने कांग्रेसी के इतिहास को तोड़कर नया इतिहास बनाया है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत के बाद कोई भी मुख्यमंत्री दोबारा पार्टी को जीत नहीं दिला सका, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने वो कर दिखाया। वहीं 2024 के लिए भी अब साफ संदेश है, कि उत्तर प्रदेश में अब पीएम और सीएम कि इस जोड़ी का कोई तोड़ नहीं है।
2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के वोट प्रतिशत में 1.63 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है ,जबकि अखिलेश यादव की ओट बैंक में 10.23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक आबादी के साथ-साथ सर्वाधिक लोकसभा सीटों वाला प्रदेश है. इसके अलावा देश की गद्दी पर कौन बैठेगा वो भी यूपी से ही तय होता है। फिलहाल जिस तरह से भाजपा ने चुनावी ताकत दिखाई है उसके कई तरह के मायने भी हैं .वही दूसरे दल इससे परेशान भी है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जहां 37 साल पुराना इतिहास दोहराया है. तो वही प्रदेश में बहुमत की सरकार बनाकर पार्टी इतिहास में भी रिकॉर्ड दर्ज कराया है। उत्तर प्रदेश में जिस तेजी से भाजपा का विस्तार हुआ है। वहीं बसपा और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों का पतन हुआ है।
इससे यह निश्चित साफ हो गया है कि अब भाजपा को हराना आसान नहीं है, कभी भाजपा को बनियों की पार्टी कहा जाता था लेकिन अब चुनाव परिणामों से यह साबित हो गया है कि भाजपा के साथ अति पिछड़े, दलित और सवर्ण मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है जिसकी वजह से ही भाजपा का वोट बैंक भी लगातार बढ़ रहा है। देश के सबसे बड़े लोकसभा सीटों वाले इस प्रदेश में चुनाव परिणाम से साफ संकेत मिल रहे हैं कि 2024 में भाजपा की राह अब ज्यादा मुश्किल नहीं है, वही जनता जनार्दन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की जोड़ी को अभी भी अपने सर आंखों पर बैठा के रखा है।
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उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम सही साबित हो गया है कि भाजपा एक मजबूत पार्टी बन चुकी है. वहीं समाजवादी पार्टी में भी इस चुनाव में भले ही सत्ता हासिल नहीं कर पाई लेकिन वोट बैंक और सीटों में बड़ा इजाफा किया है. इस वजह से भाजपा ने अब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एक्शन प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है ।
पार्टी के एक्शन प्लान में ऐसे सभी नेताओं पर अभी से कार्रवाई करना है जो पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल है. वही इन सांसदों की सीट पर अभी से ही दूसरे नेताओं को चुनाव लड़ाने की तैयारी के लिए समय देने पर भी विचार हो रहा है। भाजपा के सांसद वरुण गांधी भी लगातार भाजपा के खिलाफत कर रहे हैं, ऐसे में जनता के बीच इसका गलत संदेश भी पहुंच रहा है।