Uttarakhand:- Public Service Commission released this big update regarding PCS examinations
देहरादून। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने निर्णय लिया है कि अब से प्रदेश में हर साल पीसीएस की परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएंगी। इसकी शुरुआत इसी साल के जुलाई महीने से की जाएगी। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने इसके बारे में सूचना जारी की है।
आयोग के अध्यक्ष के अनुसार, आयोग द्वारा हाल ही में पीसीएस मुख्य परीक्षा 2021 का आयोजन दिनांक 23 से 26 फरवरी, 2023 तक सफलतापूर्वक किया गया है। उक्त पीसीएस परीक्षा 2021 के अन्तर्गत शासन से प्राप्त अधियाचन के सापेक्ष 318 रिक्त पदों हेतु कुल 256935 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इस हेतु प्रारम्भिक परीक्षा दिनांक 03 अप्रैल 2022 में आयोजित की गई थी। जिसके आधार पर 5636 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु सफल घोषित किया गया।
मुख्य परीक्षा में 4115 अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया, जिनका उपस्थिति प्रतिशत 73.01% रहा है। इससे पूर्व पीसीएस परीक्षा-2016, जिसमें 138 पदों के सापेक्ष मुख्य परीक्षा माह सितम्बर, 2017 में आयोजित की गई थी तथा मुख्य परीक्षा में कुल 1912 अभ्यर्थियों के सापेक्ष 1458 अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया था, जिनका उपस्थिति का प्रतिशत 76.25% रहा था। इससे यह प्रतीत होता है कि दो पीसीएस मुख्य परीक्षाओं के आयोजन के बीच 05 वर्ष से अधिक का समय लगा है।
अतः उपर्युक्त के दृष्टिगत आयोग के अध्यक्ष डॉ. कुमार द्वारा पीसीएस परीक्षाओं के आयोजन में निरंतरता बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। इसलिए, दो पीसीएस परीक्षाओं के आयोजन के बीच समय अंतराल को न्यूनतम करने हेतु आयोग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अभ्यर्थियों को राज्य सिविल सेवा के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के दृष्टिगत अब पीसीएस परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा और इसकी शुरुआत करते हुए आगामी पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2023 को माह जुलाई 2023 में कराया जाना प्रस्तावित किया गया है।
शासन से प्राप्त होने वाले पीसीएस- 2023 के अधियाचन की प्रत्याशा में परीक्षा कैलेण्डर वर्ष 2023 में इसे सम्मिलित किया गया है। साथ ही आगामी पीसीएस परीक्षा 2023 से परीक्षा पाठ्यक्रम को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न के अनुसार करते हुए आयोग द्वारा परीक्षा पाठ्यक्रम को अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है और इसकी संस्तुति उत्तराखण्ड शासन को हाल ही में प्रेषित कर दी गई है।
उक्त अनुमोदित परीक्षा पाठ्यक्रम पैटर्न से उत्तराखण्ड राज्य के युवाओं को राज्य सिविल सेवा के साथ-साथ अखिल भारतीय सिविल सेवा की तैयारी करने में भी महत्वपूर्ण मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ आयोग द्वारा समानान्तर तौर पर अन्य परीक्षाओं का आयोजन सुनिश्चित किया जा रहा है।