मौसम खराब रहने के कारण बुधवार को भी पर्वतारोहियों का बचाव अभियान नहीं चला। अभी भी दो पर्वतारोही लापता चल रहे हैं जबकि एक पर्वतारोही का शव एडवांस बेस कैंप से मातली हेलीपैड नहीं लाया जा सका है। बता दे की बीते चार अक्तूबर को हुए हिमस्खलन हादसे में 29 पर्वतारोही लापता हो गए थे।
तो पर्वतारोहियों की तलाश के लिए छह अक्तूबर से एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना ने घटना स्थल पर रेस्क्यू शुरु किया था। बीते दो दिनों से लगातार मौसम खराब रहने से रेस्क्यू अभियान प्रभावित हुआ है।
ग्लेशियर क्षेत्र में मौसम इतना खराब है कि यहां हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर पा रहा है। रेस्क्यू दल ने 6 अक्तूबर को घटना स्थल से 15 शव, 7 अक्तूबर को 7 शव व 8 अक्तूबर को 1 शव बरामद किया था। जबकि 4 शव घटना के दिन ही फर्स्ट रिस्पांडर ने बरामद किए थे। कुल 27 शव बरामद किए गए हैं जिनमें से 26 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
बुधवार को एसडीआरएफ घटना स्थल से लौट आई है। रेस्क्यू अभियान के प्रभावित होने पर ले. कर्नल दीपक वशिष्ठ हिमाचल, विनय पंवार उत्तराखंड व सौरभ विश्वास पश्चिम बंगाल के परिजनों में मायूसी है।
दोनों अब तक कई रेस्क्यू अभियान में भाग ले चुके हैं। डोकरानी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में दोनों पांच से छह घंटे तक काम करते थे। दोनों को फिलहाल तेखला स्थित सेना के कैंप में रखा गया है। आवश्यकता पड़ने पर इन्हें फिर घटनास्थल पर भेजा जाएगा।