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उत्तराखंड सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को तैयार, प्रशासक विहीन हैं ग्राम पंचायतें…. निर्वाचन आयोग तय करेगा कार्यक्रम
उत्तराखंड सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि पंचायत चुनाव को लेकर उत्तराखंड सरकार पूर्णत: तैयार है, वहीं चुनाव कब होने हैं इसे लेकर आगे के कार्यक्रम उत्तराखंड निर्वाचन आयोग तय करेगा। उत्तराखंड सरकार द्वारा एक अध्यादेश तैयार कर बीते बुधवार को उत्तराखंड राजभवन भेजा गया, राजभवन से अध्यादेश पर स्विकृति मिलने का इंतजार है।
उत्तराखंड सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को तैयार
उत्तराखंड सरकार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि पंचायत चुनाव को ले कर उत्तराखंड सरकार पूर्णत: तैयार है, वहीं चुनाव कब होने हैं इसे लेकर आगे के कार्यक्रम उत्तराखंड निर्वाचन आयोग तय करेगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड में ग्राम पंचायतों का कार्यभार देख रहे प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, उधर प्रशासकों के कार्यकाल को लेकर किसी भी प्रकार का अध्यादेश जारी न होने से संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। हालांकि, उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रशासकों के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए एक अध्यादेश राजभवन भेजा है, जिस पर स्वीकृति आना अभी बाकी है। वहीं दूसरी ओर आज 30 मई शुक्रवार को क्षेत्र पंचायतों के प्रशासकों का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है, अब ऐसी स्थिति में उत्तराखंड सरकार के पास उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराना ही एकमात्र विकल्प शेष रह गया है।प्रशासक विहीन हैं ग्राम पंचायतें
उत्तराखंड के एक मात्र जिले हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बीते वर्ष के नवंबर व दिसंबर माह में ही समाप्त हो चुके थे, वहीं उत्तराखंड सरकार के समक्ष त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव न करा पाने की स्थिति बन गई थी लिहाजा, उत्तराखंड सरकार ने इन्हे प्रशासकों के हवाले कर दिया था। जिसके बाद प्रशासकों का दायित्व ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्षों का सौंपा गया, परंतु समस्याएं यहीं खत्म नहीं हुई। पंचायत अधिनियम के अनुसार पंचायतों में छह माह तक ही प्रशासक नियुक्त किए जा सकते हैं,वहीं ऊपर से ग्राम पंचायतों के प्रशासकों का कार्यकाल भी बुधवार को समाप्त हो गया है, फलस्वरुप उत्तराखंड की 7478 ग्राम पंचायतें प्रशासक विहीन हो गई हैं। अब चूंकि ग्राम पंचायत एक भी दिन बिना प्रशासकों के नहीं चल सकती लिहाजा, ऐसी स्थिति में अब उत्तराखंड सरकार के समक्ष संवैधानिक संकट की स्थिति बन गई है।निर्वाचन आयोग तय करेगा कार्यक्रम
बीते गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार पंचायत चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। वहीं उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कब होनें हैं इसका फैसला उत्तराखंड निर्वाचन आयोग करेगा और उसी के अनुरुप राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव का कार्यक्रम तय करेगा। आपको बता दें कि आज 30 मई शुक्रवार को क्षेत्र पंचायतों के प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, तो वहीं आगामी 2 जून सोमवार को जिला पंचायतों के प्रशासकों का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। वहीं उत्तराखंड में अभी पंचायत चुनाव की स्थिति न बनने के कारण उत्तराखंड सरकार ने निवर्तमान प्रशासकों के कार्यकाल को एक वर्ष तक बढ़ाने के लिए पंचायती राज अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय लिया है। लिहाजा इसके लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा एक अध्यादेश तैयार कर बीते बुधवार को उत्तराखंड राजभवन भेजा गया, हालांकि, अभी राजभवन से इस अध्यादेश पर किसी भी प्रकार की स्विकृति नहीं मिली है। उत्तराखंड सरकार को भी राजभवन से अध्यादेश पर स्विकृति मिलने का ही इंतजार है।सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन का कहना है कि ग्राम पंचायतों से संबंधित अध्यादेश राजभवन को 28 मई को प्राप्त हुआ। राजभवन द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)