उत्तराखंड में बीते दो दिनो से हो रही लगातार बारिश और बर्फबारी ने राज्य में ऐसी विकट स्थिति उत्पन्न कर दी है जिससे शासन और प्रशासन समेत लोग भी परेशान है। इसी क्रम में बीते शुक्रवार को बद्रीनाथ धाम के माणा के आगे घस्तौली मार्ग पर बीते शुक्रवार सुबह लगभग 5 बजे ग्लेशियर टूटने और उसमें 55 मजदूरों के दब जाने की खबर ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया। हादसे की विभिषिका का अंदाजा मात्र भी लगाना आपके और हमारे सोच-समझ से बाहर है, एक तो कड़कड़ाती बर्फिली ठंड और उपर लगातार गिर रही बर्फ में दबे मजदूर। प्रशासन के लिए अपने नागरिकों को बचाना हर हाल में जरूरी था लिहाजा सुबह 8:00 बजे ग्लेशियर टूटने की जानकारी मिलते ही पुलिस ने ITBP और BRO टीम के साथ रेस्क्यू शुरु कर दिया। आपको बता दें कि घटना स्थल पर सबसे पहले आइटीबीपी आर्मी की टीम मौके पर पहुंची, जिसके बाद चला ग्लेशियर के अंदर फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने का कड़ा रेस्क्यू। लगातार कड़ी मशक्कत के बाद लगभग दोपहर 12:00 बजे तक टीम ने 10 से अधिक मजदूरों को एवलांच से बाहर निकाला, उनका इलाज निकट आर्मी के अस्पताल में चल रहा है। हादसे के बाद सेना, ITBP, SDRF और बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी किया. मजदूरों को बचाने के लिए आज सुबह से भी लगातार रेस्क्यू कार्य जारी है।
जोशीमठ आर्मी हेलीपेड पंहुचे CM धामी
हादसे के बाद से ही राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र में सहयोगी अधिकारियों के साथ घटना की पल-पल की जानकारी ले रहे थे, मौसम में खराबी होने के कारण कल किसी भी प्रकार से घटनास्थल पर पंहुचना उचित नहीं था लिहाजा आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के आर्मी हेलीपेड पर पहुंचकर घायलों की स्थिति के बारे में जानकारी ली, वहीं माणा में हुए हिमस्खलन के बचाव कार्य को ध्यान में रखते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, आज जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड और JOC उत्तर भारत एरिया माणआ का दौरा करेंगे ताकि आगे का राहत बचाव कार्य सुचारु रखा जा सके।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)
