उत्तराखंड की झोली ने खोया रत्न, हास्य कलाकार घन्ना भाई का हुआ निधन….घनानंद थे छोटे पर्दे का बड़ा सितारा

उत्तराखंड की झोली ने खोया रत्न

 

उत्तराखंड की झोली में ऐसे-ऐसे रत्न हैं जिनसे उत्तराखंड को राष्ट्र स्तर पर भी अपनी एक अलग पहचान मिली है। इन रत्नों का कतार में गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, जागर सम्राट प्रितम भर्तवान, गढ़वाली बोली के महान गायक मंगलेश डंगवाल जैसे कई रत्न शामिल हैं। उत्तराखंड की झोली ने आज एक ऐसा रत्न खोया है जिसने गढ़वाली बोली को राष्ट्रीय मंच पर व्यापक रुप से प्रदर्शिक किया है, दरअसल आज उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद उर्फ घन्ना भाई का निधन हो गया है, घन्ना भाई के निधन से पूरे प्रदेश में शोक का माहौल है और घन्ना भाई के प्रशंसकों की आंखें भी उन्हें याद कर नम हैं। दरअसल घन्ना भाई को ह्रदय संबंधि रोग था, आवाज सुनो पहाड़ों की कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक बलबीर सिंह पंवार और संयोजक नरेंद्र रौथाण ने बताया कि घन्ना भाई को पूर्व में पेसमेकर लगाया गया था जिसके बाद वह नियमित रुप से अस्पताल में हृदय संबंधी जांच करा रहे थे। कुछ दिन पहले ही उन्हें यूरिन में ब्लड आने की समस्या हुई, जिसके बाद घन्ना भाई सामान्य जांच के लिए वह अस्पताल पहुंचे, जहां रक्त चढ़ाने के बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। जिसके बाद गंभीर हालत में उन्हें देहरादून स्थित श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह पिछले चार दिनों से वेंटिलेटर पर थे।

 

 

घनानंद थे छोटे पर्दे का बड़ा सितारा

 

 

घन्ना भाई एक ऐसे सितारे थे जिनकी चमक को लेकर पुराने दौर के लोगों से लेकर नए दौर के युवा भी कायल थे। घन्ना भाई ने सिर्फ कलाकारी के पर्दे तक ही सीमित नहीं रहे उन्होंने अपना हाथ राजनीति में भी आजमाया, लिहाजा उन्होंने भाजपा के टिकट पर 2012 में उन्होंने पौड़ी से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, हांलांकि इस चुनाव में घन्ना भाई को हार का सामना करना पड़ा था। अपनी पुरानी हार को दरकिनार कर घन्ना भाई ने वर्ष 2022 में एकबार फिर से भाजपा के पक्ष से विधानसभा चुनाव के टिकट के लिए दावेदारी करी थी।

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