उत्तराखंड में बीते कई दिनों से मौसम ने अपने मिजाज को बदल रखा है, प्रदेश के ऊंचाई पर स्थित इलाकों में जहां एक ओर रात भर गिरने वाली ओंस सुबह को ठंड की चादर में जकड़ लेती है तो वहीं दोपहर में चिलचिलाती धूप ने लोगों के पसीने बहाए हुए हैं। उत्तराखंड में मौसम का बदलता मिजाज लोगों के स्वास्थ्य पर भी काफी असर डाल रहा है, लोग बदलते मौसम में बिगड़ते हुए स्वास्थ्य का सामना कर रहे हैं। प्रदेश में बीते कुछ दिनों से मौसम में शुष्कता देखने को मिली है, चूंकि उत्तराखंड में इस बार सर्दियों में बारिशों ने कुछ खास दस्तक नहीं दी लिहाजा प्रदेश में शीतकाल में ना होने वाली बारिश मौसम वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बन रही है जिसका असर उत्तराखंड के जल संसाधनों में भी देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है लिहाजा जल जैसी महत्वपूर्ण आवश्यक्ता के लिए पूरी तरह प्राकृतिक घटकों पर आधारित है, प्रदेश में वर्षा का कम स्तर जल संसाधनों और कृषि पर भी अपना असर छोड़ रहा है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो प्रदेश में सर्दियों में बारिश की कमी और असामान्य रुप से बढ़ने वाला तापमान यह दोनों ही प्रदेश के जल घटकों को हानि पंहुचा रही है, चूंकि शुष्क मौसम से पर्वतीय क्षेत्रों में बारिशों में कमी आ रही है लिहाजा नदियों, झीलों और खेती के लिए कम वर्षा एक गंभीर समस्या बन सकती है।
राज्य में जारी हुआ येलो अलर्ट
उत्तराखंड की राजधानी स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने प्रदेश के मौसम की जानकारी साझा करते हुए कहा कि मंगलवार 28 जनवरी को प्रदेश के सभी क्षेत्र शुष्क मौसम से लिपटे रहेंगे, हांलांकि प्रदेश में शुष्क मौसम 31 जनवरी तक ऐसे ही बना रहेगा। वहीं अगर उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिलों की बात करें तो मध्यम से लेकर घना कोहरा छाने की संभावना जताई गई है, लिहाजा देहरादून मौसम विभाग केंद्र ने उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं राजधानी में सुबह के समय हल्का कुहासा छाया रह सकता है। राजधानी का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रहने की अनुमान है।