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उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों के बदतर हालात, बाल रोग विभाग में दौड़ लगा रही कॉकरोचों की बारात….कुमाऊं कमिश्नर ने लिया एक्शन
कुमाऊं कमिश्नर ने बीते शनिवार की दोपहर को अचानक बेस अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पंहुचे, लेकिन जब कुमाऊं कमिश्नर ने अस्पताल के बाल रोग विभाग के बेड पर कॉकरोच की सेना को दौड़ लगाते हुए पाया तो अस्पताल में हड़कंप मच गया। जिसके बाद उन्होंने अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (पीएमएस) से सफाई व्यवस्था को लेकर सवाल किए और स्पष्टीकरण मांगा और सख्त भविष्य में कार्रवाई की भी चेतावनी दी।
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों के बदतर हालात
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में वर्तमान समय में कितनी बेहतर व्यवस्थाएं सही रुप से कार्यरत हैं यह जगजाहिर है। आलम तो यह है कि उत्तराखंड के अधिकांश सरकारी अस्पतालों की हालत इतनी खस्ता के ही वहां उपचार कराना तो छोड़िए ठीक से रहना भी मुश्किल है। हांलांकि सरकार अपनी नीतियों और जनकल्याण के लिए काफी धन व्यय करती है लेकिन मौजूदा अस्पताल प्रशासन अपने कर्तव्यों का उचित रुप से निर्वहन करते नहीं नजर आते हैं। इसी क्रम में बीते शनिवार को कुमाऊं कमिश्नर व मुख्यमंत्री सचिव दीपक रावत दोपहर में अचानक बेस अस्पताल औचक निरीक्षण के लिए पंहुच गए, लेकिन उन्हें वहां काफी खामियां मिली, जिसमें वार्डों में गंदगी, बेड पर कॉकरोच और शौचालय में गंदगी आदि शामिल थे।लिहाजा कुमाऊं कमिश्नर ने जब अस्पताल के बाल रोग विभाग के बिस्तर पर कॉकरोच को यहां-वहां पड़े देखा तो कुमाऊं कमिश्नर का गुस्सा फूट पड़ा और जब उन्होंने अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (पीएमएस) से पूछा, अस्पताल के बेड पर कॉकरोच हैं और आप क्या कर रहे हैं? इससे तो संक्रमण का खतरा और बढ़ जाएगा तो उन्हें कोई भी संतुष्ठित जवाब नहीं मिला लिहाजा उन्होंने पीएमएस से स्पष्टीकरण भी तलब किया है।बाल रोग विभाग में दौड़ लगा रही कॉकरोचों की बारात
इसके बाद कुमाऊं कमिश्नर ने बाल रोग विभाग के हर एक बेड को पलट कर देखा तो उन्होंने अस्पताल प्रशासन से अब तक कॉकरोचों को समाप्त करने के लिए प्रयुक्त किए समाधान के बारे में पूछा तो जवाब में PMS ने बताया कि उन्हें 1 मार्च से ही अस्पताल में कॉकरोच मिलने की जानकारी थी, जिसके लिए अस्पताल में दवा का छिड़काव भी किया गया था लेकिन वह दवा प्रभावी नहीं हो पाई। इसके बाद जब कुमाऊं कमिश्नर ने PMS से संबंधित दबा के बिल को दिखाने की मांग करी तो अस्पताल प्रशासन बिल दिखाने में भी असमर्थ रहा। लिहाजा संबंधित मामले में कुमाऊं कमिश्नर ने PMS को ही जिम्मेदार ठहराते हुए स्पष्टीकरण के लिए तलब और सख्त निर्देश भी दिए की यदि भविष्य में दोबारा ऐसी स्थिति दोहराई गई तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के शौचालयों का निरीक्षण किया। वहां भी गंदगी पाई गई। इस पर उन्होंने तत्काल सफाई कराने के निर्देश दिए।कुमाऊं कमिश्नर ने लिया एक्शन
वहीं संबंधित निरीक्षण को लेकर कुमाऊं कमिश्नर रावत ने कहा कि अस्पताल में गंदगी और कॉकरोच का इतनी मात्रा में मिलना एक गंभीर चिंता का विषय है, लिहाजा इस मामले को पूरी सख्ती और संवेदनशीलता के साथ लिया जाना चाहिए। वहीं अस्पताल प्रशासन को सभी वार्डों में नियमित साफ-सफाई के साथ अन्य व्यवस्थाओं की निगरानी भी सुनिश्चित करनी चाहिए। कुमाऊं कमिश्नर ने रावत ने कहा कि गर्मी के मौसम में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है, इसलिए सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने कहा कि कुमाऊं मंडल के किसी भी अस्पताल इस तरह की किसी भी लापरवाही मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)