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उत्तराखंड में खाली दौड़ रही हैं उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें….महाप्रबंधक ने तय किया डेली इनकम टारगेट

एक तो पहले ही उत्तराखंड परिवहन निगम घाटे में चल रहा है और उपर से चालक-परिचालक बसों को खाली ही दौड़ा रहे हैं, ऐसे में जब उत्तराखंड परिवहन निगम ने अपनी जांच में यात्रियों की संख्या को बहुत कम पाया तो चालक-परिचालकों की इस करनी पर महाप्रबंधक (संचालन) पवन मेहरा ने नाराजगी जताते हुए बसों की दैनिक आय का लक्ष्य तय करने का आदेश दे दिया। इसके साथ ही उत्तराखंड के सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधो को इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

उत्तराखंड में खाली दौड़ रही हैं उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें

    उत्तराखंड में वर्तमान समय में उत्तराखंड परिवहन निगम की हालत थोड़ी खस्ता चल रही है, जहां एक ओर उत्तराखंड परिवहन निगम करोड़ों के घाटे में फंसा पड़ा है तो, वहीं दूसरी ओर परिवहन निगम के चालक-परिचालक बसों को खाली ही दौड़ा रहे हैं। आलम तो यह है कि यदि किसी भी बस का निरीक्षण किया जाए तो किसी बस में दो यात्री बैठे मिल रहे हैं तो किसी में तीन यात्री। आपको बता दें कि यह मामला तब सामने आया जब परिवहन विभाग ने बसों की जांच करवाई, ऐसे में जब उत्तराखंड परिवहन निगम ने अपनी जांच में यात्रियों की संख्या को बहुत कम पाया तो चालक-परिचालकों की इस करनी पर महाप्रबंधक (संचालन) पवन मेहरा ने नाराजगी जताते हुए बसों की दैनिक आय का लक्ष्य तय करने का आदेश दे दिया। इसके साथ ही उत्तराखंड के सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधो को इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।    

महाप्रबंधक ने दी जानकारी

        उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक पवन मेहरा ने अपने आदेश को जारी करते हुए बताया कि बीते 17 मार्च और 22 मार्च को जब देहरादून आइएसबीटी से रिस्पना पुल होते हुए हरिद्वार की तरफ आ रही बसों की जब जांच करी गई तो पाया गया कि उनमे बहुक कम यात्री सवार हैं और इनमें पर्वतीय, ग्रामीण व हरिद्वार डिपो की बसें शामिल हैं। इसी प्रकार से लोहाघाट डिपो की दून से जा रही बस में भी दो ही यात्री मिले। यही स्थिति नैनीताल व टनकपुर मंडल की देहरादून की ओर संचालित बसों के भी हैं जिनमें मात्र दो या तीन ही यात्री पाए गए हैं। वहीं जांच में यह भी पाया गया कि उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकतर चालक और परिचालक दून से हरिद्वार आने वाले यात्रियों के लिए बस ही नहीं रोकते हैं, जबकि मार्ग में सबसे ज्यादा सवारी हरिद्वार, रायवाला, डोईवाला आदि की है जो पर्याप्त मात्रा में सड़क पर खड़े रहते हैं। लिहाजा रोड़वेज की बसें न रुकने के कारण यह यात्री दूसरे राज्यों की बसें या डग्गामार वाहनों में यात्रा करने के लिए मजबूर हैं।

   

महाप्रबंधक ने तय किया डेली इनकम टारगेट

        वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम पहले से ही करोड़ों रुपये की घाटे में है, ऐसी स्थिति में चालक-परिचालकों का यात्रियों संग ऐसा व्यवहार परिवहन विभाग को और अधिक नुकसान में डाल रहा है। लिहाजा अब उत्तराखंड परिवहन निगम महाप्रबंधक ने कड़ा रुख करते हुए सभी मंडल व डिपो के अधिकारियों को बसों की दैनिक आय का लक्ष्य निर्धारित करने और उसकी नियमित समीक्षा करने के आदेश दिए। इसके अंतर्गत जो भी चालक-परिचालक तय लक्ष्य के अनुसार आय अर्जित नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही डिपो के अधिकारियों को भी स्पष्ट रुप से चेतावनी दी गई है कि यदि वह इन आदेशों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतेंगे तो उनके विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई करी जाएगी। यही नहीं चेकिंग टीमों को आदेश दिए गए हैं कि बसों की लगातार मार्गों पर चेकिंग की जाए और जिन बसों में कम यात्री मिलते हैं, उनकी रिपोर्ट तत्काल निगम मुख्यालय को भेजी जाए। कम आय करने वाले चालक-परिचालकों की काउंसिलिंग कराने के आदेश भी दिए गए।        
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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