किसान आंदोलन के खिलाफ भड़के हुए व जुटे विपक्ष की रणनीति को पीएम मोदी ने एक झटके में मात दे दी है। किसान आंदोलन में बेशक पूरे प्रदेश को अपनी जद में न लिया, पर राज्य के पश्चिम क्षेत्र की लगभग 125 सीटों पर विधानसभा चुनावी दंगल के तगड़ा होने की आशंका जरूर थी। सूत्रों के अनुसार सरकार नें किसानों की मांग पर बड़ा दिल रखते हुए यू-टर्न ले लिया है।
भले ही आंदोलनकारियों ने विपक्षी दलों को अपना मंच साझा नहीं करने दिया, पर इन पार्टियों के रणनीतिकारियों ने इस मुद्दे पर ही चुनावों की दर को बिछाना मुमकिन समझा, कुछ समय बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाले है, सत्ता भाजपा के सामने सरकार बचानें को लेकर लगातार चुनावों में हार देख रही है, वही बसपा और कांग्रेस के सामने अस्तित्व बचाने का संकट भी है।
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ऐसे में कांग्रेस की महासचिव प्रियका गांधी वाड्रा ने किसान पंचायत की तो समाजवादी पार्टी ने तो किसान पटेल यात्रा रैली प्रदेश में निकाली, बसपा की प्रमुख मायावती ने भी कृषि कानूनों के वापस लेना की मांग को वह दोहराती रही।
शिवानी चौधरी