चंपावत में जल जीवन मिशन योजना बनी सवाल
चंपावत जिले के लोहाघाट विधानसभा क्षेत्र के सीमांत ग्राम लोजनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल जीवन मिशन योजना के तहत पेयजल वितरण की अधूरी परियोजना के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। पिछले चार सालों से रुकी रौसाल रेट्रो पेयजल योजना पूरी न हो पाने से बच्चे स्कूलों में शौच के लिए मजबूर हैं और ग्रामीण नलों से पानी ढोने को विवश हैं। किसान नेता मोहन चंद्र पांडे समेत कई ग्रामीणों ने समस्या की repeatedly शिकायत की है, लेकिन प्रशासन की ओर से प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। जिलाधिकारी के निर्देश पर पंप हाउस कार्य शुरू हुआ था, लेकिन वन विभाग की रोक के कारण फिर से रुकावट आ गई है। ग्रामीणों की पेयजल समस्या गंभीर होती जा रही है।
प्राइमरी स्कूल में भी पानी की भारी किल्लत
रौसाल क्षेत्र में पेयजल संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्रीय प्रतिनिधि पांडे ने बताया कि रौसाल प्राइमरी स्कूल में बच्चों को पीने के पानी के लिए अपने घरों से पानी लाना पड़ता है, वहीं भोजनमाता भी घर से पानी लाकर भोजन बनाने की व्यवस्था करती हैं क्योंकि स्कूल में पेयजल की कोई सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि जल जीवन मिशन की रौसाल रेट्रो पेयजल योजना समय पर पूरी हो जाती है तो ग्रामीणों को इसका सीधा लाभ मिलेगा और क्षेत्र में जारी पेयजल संकट समाप्त हो सकेगा। पांडे ने बताया कि पूरा सीमांत क्षेत्र इस समय गंभीर पेयजल समस्या से जूझ रहा है और यदि योजनाएं समय पर नहीं बनीं तो इस बार भीषण संकट उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने जिलाधिकारी चंपावत मनीष कुमार से जल्द समाधान की मांग करते हुए कहा कि अब ग्रामीणों की पूरी उम्मीद उन्हीं पर टिकी है।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)
