बंद हुए माँ यमुनोत्री के कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद आज दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। आज रविवार भैया दूज के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में विधिवत पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चारों के साथ माँ यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए । अब 6 माह के लिए माँ यमुना के दर्शन और माँ यमुना की विधिवत पूजा-अर्चना खरसाली में की जाएगी जो खुशीमठ में स्थित है।
शनि देव की डोली करती है अगुआई
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष पारंपरिक बाध्य यंत्रो से सुसज्जित शनि देव की डोली माँ यमुना की डोली को लेने यमुनोत्री धाम पंहुचती है, जहां तीर्थ पुरोहितों द्वारा विधिवत पूजा अर्चना और हवन इत्यादि के बाद माँ यमुना की डोली अपने शीत आवास के लिए प्रस्थान करती है। आपको बता दें कि शनि देव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली जयकारों के साथ अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ के लिए रवाना होती है और खुशीमठ में स्थित यमुना मंदिर में विराजमान कर दी जाती है।