राजधानी में बड़ा फर्जीवाड़ा, धांधली से बेची डिफेंस कॉलोनी की जमीन
उत्तराखंड से सरकारी कार्यों में धोखाधड़ी का एक और मामला सामने आया है, मामला डिफेंस कालोनी की ‘द सैनिक सहकारी आवास समिति’ का है जहां भूखंडों के मूल लेआउट प्लान में छेड़छाड़ कर 680 की जगह 726 प्लाट तैयार कर दिए गए। दरअसल डिफेंस कॉलोनी की खुली जमीन पर पार्क के साथ-साथ अन्य सामुदायिक सुविधाओं को तैयार किया जाना था, लेकिन संबंधित विभाग के 16 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने दस्तावेजों में हेरफेर करके ज्यादा भूमि पर प्लॉटिंग कर डाली और तय मानकों से भी कम सर्किल रेट में उसे बेचकर लाखों की दलाली कमा ली। इस तरह सार्वजनिक उपयोग वाली 18 हजार से अधिक वर्गमीटर भूमि पर खेल कर दिया गया। संबंधित मामले की शिकायत प्रकरण में समिति के सदस्य सेवानिवृत्त कर्नल रमेश प्रसाद सिंह ने नेहरू कॉलोनी पुलिस में दर्ज कराई , जिसके बाद पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में 15 सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों सहित 16 अन्य व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज किया है। सभी अधिकारी कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, कमांडेंट, स्क्वाड्रन लीडर और मेजर पद से सेवानिवृत्त हैं। पुलिस को दी तहरीर में कर्नल रमेश प्रसाद (सेनि.), ले. कर्नल त्रिजीवन सिंह पयाल (सेनि.) व विजय मोहन नाथ निवासी सेक्टर-चार, डिफेंस कालोनी ने बताया कि वे सभी डिफेंस कॉलोनी के सदस्य हैं और ‘द सैनिक सहकारी आवास समिति लिमिटेड’ का रजिस्ट्रेशन वर्ष 1967 में रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव सोसाइटी, लखनऊ के अंतर्गत किया गया था, जिसका उद्देश्य था कि सैनिक, पूर्व सैनिक और सैनिक परिवारों की आवासीय जरूरत और अन्य कल्याण के लिए आश्रय बनाना।