भारत हर साल 26 जुलाई को Kargil Vijay Diwas मनाता है। क्योंकि 22 साल पहले 1999 में आज ही के दिन भारत ने पाकिस्तान को हराकर जीत हासिल की थी। आज कारगिल विजय को 22 साल पूरे हो चुके है, जब-जब कारगिल दिवस मनाया जाएगा, हमारे लिए अपने प्राणो की आहूति देने वाले वीर सपूतों को याद किया जाएगा।कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तानी घुसपैठियों को मुह के बल गिराने वाले इस जीत के हीरो में से एक थे. Captain Vikram Batra युद्ध के दौरान 5140 चोटी से रेडियो के जरिए अपनी जीत की घोषणा ‘ये दिल मागें मोर’ के नारे से कि
,जिसको सुन के सबका सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को पालमपुर मे हुआ। उनहोने भारतीय सेना में अपना सफर 6 दिसंबर 1997 से शुरु किया। दो साल बाद ही 1999 में बत्रा साहब कारगील युद्ध का हिस्सा बने. कारगिल के दौरान उन्हें कोड नेम दिया शेरशाह. जब बत्रा साहब कारगील का युद्ध लड़ रहे थे उस समय वह महज 24 साल के थे। उन्होन अपने दोस्त से यह भी कहा था कि ‘तिरंगा लहराकार आऊंगा या तिंरगे में लिपटकर आऊंगा, लेकिन आऊंगा जरुर।विक्रम बत्रा कि यही बात आज भी दिल को छू जाती है साथ ही ‘ये दिल मांगे मोर’ का नारा आज भी सबके कानों में गूंजता है और हमें शहीदों की याद दिलाता है।