उत्तराखंड में फायर सर्विस कार्मिकां के 36 प्रतिशत पद रिक्त इमरजैसी सेवा मजबूत होने के कितने ही दावे किये जाये लेकिन वास्तविकता में अग्निशमन एवं आपात सेवा के कार्मिकों के 36 प्र्रतिशत पद रिक्त हैं और फायरमैन के तो अधिकतर जिलों में आधे से अधिक पद रिक्त है। ऐसी स्थिति में आपात सेवा में मजबूत होने की कैसे उम्मीद की जा सकती है।
प्रदेश में फायर स्टेशन आफिसर के 35 पद स्वीकृत है लेकिन केवल 7 फायर स्टेशनों पर ही एफ.एस.ओ. तैनात हैं, 28 फायर स्टेशनों में पद रिक्त है। फायर स्टेशन सैैकिण्ड आफिसर के 50 में से आधे से अधिक 26 पद रिक्त है। लीडिंग फायर मैन के 162 स्वीकृत पदों में से 15 पद रिक्त है जबकि फायर सर्विस चालको के 205 पदों में से केवल 4 पद रिक्त है लेकिन 19 ड्राइवर उपनल के कार्यरत हैैं। फायर मैन के 998 पद स्वीकृत है जबकि 34 प्रतिशत से अधिक 455 पद रिक्त है और केवल 543 फायरमैैन ही कार्यरत है।
गढ़वाल मण्डल में चमोली जिले में अग्निशमन एवं आपात सेवा के 99 कार्मिकों के स्वीकृत पदों में से केवल 48 कर्मचारी कार्यरत है और 52 प्रतिशत 51 पद रिक्त है जबकि रूद्रप्रयाग जिले में 38 में से केवल 22 कर्मचारी कार्यरत है और 42 प्र्रतिशत 16 पद रिक्त है। पौड़ी गढ़वाल जिले में 96 में से 49 कार्यरत है जबकि 49 प्रतिशत 47 पद रिक्त है। उत्तरकाशी में 81 में से 61 कार्यरत है तथा 25 प्रतिशत 20 पद रिक्त हैं। टिहरी गढ़वाल में 86 में से 58 कार्यरत है तथा 33 प्रतिशत 28 पद रिक्त है। देहरादून में 267 में से 147 पद कार्यरत है तथा 45 प्रतिशत 120 पद रिक्त हैं। हरिद्वार जिले में 160 में से 105 पद कार्यरत है 34 प्रतिशत 55 पद रिक्त है।
कुमाऊं मण्डल के अल्मोड़ा जिले में 76 में से 47 पद कार्यरत है जबकि 38 प्रतिशत 29 पद रिक्त हैं, बागेश्वर जिले में 61 में से 49 पद कार्यरत हैै तथा 20 प्रतिशत 12 पद रिक्त है। चम्पावत जिले में 72 में से 67 पद कार्यरत है तथा 7 प्रतिशत 5 पद रिक्त हैं। पिथौरागढ़ जिले में 61 में से 37 पद कार्यरत है तथा 39 प्रतिशत 24 पद रिक्त है। नैैनीताल जिले में 112 में से 104 पद कार्यरत हैै तथा 7 प्रतिशत 8 पद रिक्त हैै जबकि उधमसिंह नगर जिले में कुल 245 स्वीकृत पदों में से 129 पदों पर कर्मचारी, अधिकारी ही कार्यरत है जबकि 47 प्रतिशत 116 पद रिक्त है।