बता दें कि जोशीमठ नृसिंह मंदिर परिसर स्थित आदिगुरू शंकराचार्य के गद्दीस्थल व मठ की दरारें बढ़ रही हैं। साथ ही नृसिंह मंदिर परिसर का एक हिस्सा धंस रहा है।
तो कई दरारों का आकार तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही नृसिंह मंदिर परिसर के एक हिस्से में भूधंसाव हो रहा है। इन धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जोशीमठ के स्थलीय निरीक्षण के दौरान आदिगुरू शंकराचार्य गद्दीस्थल व नृसिंह मंदिर परिसर का जायजा लिया था।
वहीं, नृसिंह मंदिर में मौजूद भगवान बदरीनाथ के खजाना को अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया जाएगा। मंदिर व अन्य परिसंपत्तिया अभी तक पूरी तरह से सुरक्षित है। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का कहना है कि वह हालातों पर पूरी नजर रखे हुए हैं। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि दरारों से प्रभावित जोशीमठ में स्थिति काफी नाजुक है लेकिन नृसिंह मंदिर सुरक्षित है।
उन्होने बताया कि स्थानीय हालातों की प्रत्येक दिन की जानकारी प्राप्त की जा रही है। अगर, जोशीमठ की स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर हुई तभी खजाना को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा। खजाना को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने को लेकर समिति को पांडुकेश्वर से भी प्रस्ताव मिला है।