बदरीनाथ धाम को मास्टर प्लान के अनुरूप स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के लिए भूमि और भवन स्वामियों की सहमति के आधार पर ही भूमि, भवन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए उन्हें वर्तमान में निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार भूमि के मूल्य का दोगुना प्रतिकर दिया जाएगा। इसी तरह भवनों का तकनीकी विभाग से कराए गए मूल्यांकन का दोगुना प्रतिकर दिया जाएगा। कैबिनेट ने इन सभी बिंदुओं पर अपनी मुहर लगा दी है।
प्रधानमंत्री के निर्देशों के क्रम में केदारनाथ की तरह बदरीनाथ को विकसित करने के लिए सरकार ने मास्टर प्लान तैयार किया है। अब इसके अनुरूप बदरीनाथ में विभिन्न कार्य किए जाने हैं, जिसके लिए भूमि व भवनों का अधिग्रहण होना है। कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि सरकारी भूमि पर बने भवनों का तकनीकी विभाग से किए गए मूल्यांकन की धनराशि दी जाएगी।
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गौरतलब है कि सरकार ने मास्टर प्लान के तहत बदरीनाथ में कार्य शुरू कर दिए हैं। कैबिनेट के इस निर्णय के बाद वहां निर्माण कार्यों में तेजी आएगी।