उत्तराखण्ड साइबर पुलिस ने पंद्रह फर्जी चारधाम हेली वेबसाइट को किया ब्लाक
ठगी के मामले बढ़ते देख STF ने अस्पतालों के लिए जारी की साइबर एडवाइजरी
देहरादून: चारधाम तीर्थयात्रियों से हेली टिकट के नाम पर ठगी करने वाली फर्जी 15 वेबसाइट को साइबर क्राइम पुलिस ने ब्लॉक कर दिया है। गौरतलब है कि बीते कुछ साल से फर्जी हेली वेबसाइट बनाकर साइबर ठग तीर्थयात्रियों से लाखों की ठगी कर चुके हैं।
इसके अलावा आजकल साइबर ठग अस्पतालों में भी पंजीकरण के नाम पर ठगी कर रहे हैं। दून मके प्रसिद्ध अस्पताल मैक्स व परम हॉस्पिटल में चिकित्सक से अपाइन्मेंट के नाम पर ठगों ने लाखों की ठगी कर ली। इस संबंध में STF ने अस्पतालों ने साइबर एडवाइजरी जारी की है।
देखें, ब्लाक की गई वेबसाइट के नाम और साइबर अस्पताल एडवाइजरी
साइबर एडवाइजरी: देहरादून के साइबर क्राइम थाने को मैक्स हॉस्पिटल्स के प्रतिरूपण से जुड़ी कई शिकायतें मिली हैं। यह देखा गया है कि कुछ साइबर अपराधी अस्पताल के ब्रांडों का प्रतिरूपण करने और लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। फोन में एक अज्ञात ऐप डाउनलोड किया जाता है और बैंक खातों का विवरण लिया जाता है। कुछ ही मिनटों में बैंक खाते खाली हो जाते हैं।
अपराध का तरीका:
पीड़ित गूगल पर मैक्स हॉस्पिटल का कॉन्टैक्ट नंबर सर्च कर रहे हैं।
ऐसे नंबरों पर संपर्क करने पर जालसाज एंड्रॉइड यूजर को एपीके फाइल और आईओएस यूजर्स को आईपीए फाइल भेज रहे हैं। दोनों व्हाट्सएप के माध्यम से भेजे गए।
जब फ्रॉड फाइलें डाउनलोड/इंस्टॉल की जाती हैं, तो जालसाजों के पास एसएमएस पढ़ने और लिखने की अनुमति होती है।
यूपीआई के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है।
फिशिंग वेबसाइट क्रेडिट/डेबिट कार्ड विवरण, यूपीआई विवरण, सीवीवी और यूपीआई पिन विवरण लेती है।
कुछ ही मिनटों में बैंक खाते खाली हो जाते हैं।
जागरूकता के टिप्स:
किसी आधिकारिक वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करने का वादा करने वाले एसएमएस आधारित लिंक पर क्लिक करने से बचें।
किसी भी अनजान एपीके/ आईपीए फाइल को डाउनलोड न करें।
अस्पताल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाने का प्रयास करें।
किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ व्यक्तिगत या बैंकिंग विवरण साझा न करें।
अस्पतालों की आधिकारिक संख्या (mobile number) सत्यापित करें
ऐसे सभी फर्जी ऐप्स / वेबसाइटों की सूचना साइबर पुलिस स्टेशन को दें। कोई भी साइबर अपराध शिकायत एनसीआरपी पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) वित्तीय धोखाधड़ी शिकायत 1930।