देहरादून : बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत से भेंट कर दोनों धामों में चल रहे मास्टर प्लान के विकास कार्यों व समिति का विवरण भी प्रस्तुत किया.
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने वीरवार को राजभवन में महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह जी से सौजन्य भेंट की। इस मध्य महामहिम ने प्रदेश में गतिमान चारधाम_यात्रा के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।
साथ श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम में मा. प्रधानमंत्री जी के विजन और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मास्टर प्लान के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मदिर समिति पूरी पारदर्शिता के साथ मंदिर समिति के सदस्यों की सहमति के आधार पर स्थानीय लोगों के परम्परागत अधिकारों दायित्वों व देयकों के प्रति निष्ठा पूर्वक कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में समिति के कार्मिकों की नियमावली का कार्य प्रगति पर है और पदोन्नति व अस्थायी कर्मियों की नियमावली के अनुरूप नियमित करने की दिशा में भी कार्य गतिमान है।
श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम में इस वर्ष अब तक 30,546 वीआईपी और वीवीआईपी महानुभाव दर्शन कर चुके हैं। इससे श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को रूपये 91,63,800 की आय प्राप्त हुई है।
बीकेटीसी द्वारा जारी एक आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार इस वर्ष 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात अब तक 8,198 विशिष्ट व अतिविशिष्ट और उनके संदर्भों से आए महानुभावों ने दर्शनों का लाभ उठाया है। इससे बीकेटीसी को रूपये 24,59,400 का लाभ हुआ। इसी प्रकार बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात वहां अभी तक 22,348 हजार विशिष्ट व अतिविशिष्ट महानुभाव दर्शनों के लिए पहुंचे। इनसे बीकेटीसी को रूपये 67,04,400 प्राप्त हुए।
उल्लेखनीय है कि यात्राकाल में दोनों धामों में वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। बीकेटीसी वीआईपी श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कराती थी और निःशुल्क प्रसाद भी देती थी। वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था। वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं के नाम पर अनेक अव्यवस्थाएं भी पैदा होती थीं।
इस वर्ष यात्राकाल से पूर्व बीकेटीसी ने देश के चार बड़े मंदिरों श्री वैष्णोदेवी, श्री तिरूपति बाला जी, श्री सोमनाथ व श्री महाकाल मंदिर में विभिन्न व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए एक – एक अध्ययन दल भेजे थे। इन दलों ने वहां की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर मंदिरों में आने वाले विशिष्ट व अति विशिष्ट महानुभावों से दर्शनों के लिए शुल्क निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा था। बीकेटीसी ने अध्ययन दलों के सुझाव पर प्रति व्यक्ति 300 रूपये निर्धारित किया था।
बीकेटीसी द्वारा नयी व्यवस्था कायम किए जाने के बाद वीआईपी व वीवीआईपी के नाम पर अनावश्यक रूप से दर्शनों के लिए घुसने वालों पर भी रोक लगी है। बीकेटीसी ने इस नई व्यवस्था की शुरुवात इस वर्ष केदारनाथ धाम से शुरू की थी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बीकेटीसी ने पहली पर्ची मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की काटी थी। मुख्यमंत्री ने 300 रूपये का शुल्क चुका कर दर्शन किये थे।