विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में बनी एक और कफ सिरप को जानलेवा बताते हुए अलर्ट जारी कर दिया है। इस कफ सिरप को लेकर इराक की ओर से आपत्ति जताई गई थी। पिछले 10 महीने में पांचवीं बार किसी भारतीय दवाई पर बैन लगाया जा सकता है।
WHO ने अपने बयान में कहा कि इराक की एक थर्ड पार्टी ने भारत में बनी कफ सिरप कोल्ड आउट को लेकर हमें जानकारी दी है। इस कफ सिरप की गुणवत्ता खराब है और यह सेहत के लिए खतरनाक है।
लेबोरेट्रीज द्वारा निर्मित कफ सिरप को घटिया बताया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उत्पाद डेबिलिउ फार्मा प्राइवेट लिमिटेड है, जो भारत निर्मित है। सिरप के बैच में डायथिलीन और एथिलीन ग्लाइकोल मानक से अधिक है।
कोल्ड आउट सिरप का एक नमूना इराक से प्राप्त किया गया था, जिसका लैब में जांच करवाया गया। नमूने में डायथिलीन ग्लाइकॉल (0.25 पीसी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (2.1 पीसी) पाई गई, जो अस्वीकार्य है। एथिलीन ग्लाइकॉल और डायथिलीन ग्लाइकॉल दोनों की स्वीकार्य सीमा 0.10 प्रतिशत तक है। निर्माता-विक्रेता ने उत्पाद की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्लूएचओ को गारंटी नहीं दी है।
बता दें, सितंबर 2022 में डब्लूएचओ ने कहा था कि मेडेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के चार उत्पाद भी जांच के दायरे में हैं। वहीं, दिसंबर 2022 में डब्लूएचओ ने बायोटेक प्राइवेट के दो प्रोडक्ट्स को लेकर अलर्ट जारी किया था।
इस कफ सिरप को तमिलनाडु की Fourrts (INDIA) लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड बनाती है। इसकी प्रोडक्शन यूनिट महाराष्ट्र में है। इस कफ सिरप का इस्तेमाल जुकाम के लक्षणों और एलर्जी से राहत पाने के लिए किया जाता है।
WHO की तरफ से बताया गया कि इस कफ सिरप का लैब एनालिसिस कराया गया। सैंपल में डाइथाइलीन ग्लाइकोइल की मात्रा ज्यादा मिली जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है। वहीं एथाइलीन ग्लाइकोल की मात्रा भी लिमिट से ज्यादा पाई गई है। डाइथाइलीन ग्लाइकोइल और एथाइलीन ग्लाइकोल जहरीला होता है और इसकी ज्यादा मात्रा जानलेवा साबित हो सकती है।