करनाल, सीडीसी सेंट्रल ऑफ डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार स्क्रब टाइफस ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी नाम के बैक्टीरिया से होने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह बीमारी संक्रमित चिगर्स के काटने से मनुष्यों में फैलता है। इसे बुश टाइफस के नाम से भी जाना जाता है। इसका पता कीट के 10 दिनों के भीतर काटने से सिरदर्द, बुखार, ठंड लगने से मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याओं से चलता है। यह बहुत ही घातक रोग है, गंभीर स्थिति में अंगों के खराब होने से लेकर रक्तस्राव की समस्या हो जाती है।
यदि इसकी समय पर जांच न कराई जाएं तो जानलेवा साबित हो सकती है। लेकिन इससे बचाव का अभी तक कोई टीका उपलब्ध नहीं हुआ है। इससे बचाव का मुख्य उपाय यही है, कि संक्रमित चिगर्स के संपर्क में आने से बचे, ज्यादा झाड़ वाली जगहों पर जाने से बचे, अगर चिगर्स काट ले तो तुरंत साफ पानी से कटे हुए हिस्से को धोकर एंटीबायोटिक दवा लगा लें। सुरक्षित कपड़े पहने जिनसे हाथ,पैर अछ्छी तरह से ढ़के रहें। इस बीमारी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका यहीं हैं।
करनाल स्क्रब के मामलों में बढ़ोत्तरी।
करनाल में स्क्रब के 19 केस सामने आए हैं। लगातार केसों में बढ़ोत्तरी के कारण सेंटर व स्टेट की टीम शुक्रवार को बीमारी का रेस्क्यू करने करनाल पहुंची। महामारी विशेषज्ञ डा. पी भास्कर, एपीडेमिक इंटेलिजेंस सर्विस आफिसर डा. भावेश, स्टेट टीम से स्टेट एंटोमालोजिस्ट डा. रोली पीड़ितों के घर पहुंचकर मरीजों से बातचीत की व बताया कि यह बीमारी चूहों के बालों व कानों में जाने वाले पिस्सु से होती है। बीमारी का लिंक ढूढ़ने के लिए टीम ने गांव के अलग-अलग जगहों पर पिंजरे लगाकर 6 चूहे पकड़े है, जिनसे सैंपल लेकर जांच के लिए दिल्ली भिजवा दिया गया है व लोगों को जागरुक कर रिपोर्ट आने पर ज्यादा जानकारी मिलने को कहा है।