उत्तर प्रदेश में करीब तीन दशक से सत्ता का वनवास झेल रही देश के सबसे बड़े राजनैतिक दलों में से एक कांग्रेस को नया कलेवर भी रास नहीं आ रहा है उत्तर प्रदेश में अब कांग्रेस की बागडोर पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के हाथ में हैं प्रियंका गांधी वाड्रा के उत्तर प्रदेश में बिना किसी दल के गठबंधन के 403 सीट पर चुनाव लड़ने के अभियान को ही झटका लगने लगा है।
यहा पर पार्टी ने जिनको प्रत्याशी घोषित किया है वहीं लोग पार्टी को छोड़कर अन्य दल का दामन थाम रहे हैं हालांकि प्रियंका गांधी के प्रदेश का प्रभारी बनने के बाद से ही पुराने कांग्रेस तथा विधायक पार्टी को छोड़ने लगे थे लेकिन चुनाव के लिए पार्टी के तीन प्रत्याशियों के पार्टी को छोड़ने लगे थे लेकिन चुनाव के लिए पार्टी के तीन प्रत्याशियों के पार्टी को छोड़ने से बड़ा फर्क पड़ने वाला है।
रायबरेली तथा अमेठी के बाद रामपुर को भी कांग्रेस का बड़ गढ़ माना जाता है प्रियंका गाधी ने यहां की चमरौआ विधानसभा सीट से खान युसूफ अली तथा स्वार टांडा से हैदर अली खान उर्फ मियां को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया था इनमें से खान युसूफ अली तो सपा में शामिल हो गए थे जब उनको समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो फिर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं स्वार टांडा से हैदर अली खान उर्फ हमजा मिंया तो नवाब खानदान के हैं टिकट मिलने के बाद इन्होंने भी पार्टी छोड़ दी हमजा मिंया अपना दल में शामिल हो गए हां इनको अपना दल ने प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है इन दो के अलावा बरेली कैंट सीट से घोषित कांग्रेस उम्मीदवार सुप्रिया ऐरन ने भी पार्टी छोड़ दी है।
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इनके पति प्रवीण सिंह एरन कांग्रेस से बरेली से सांसद हुआ करते थे और सुप्रिया एरन भी कांग्रेस के टिकट पर बरेली से दो बार महापौर बनीं थी। यह परिवार भी पुराना कांग्रेसी परिवार था, अब यह लोग समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। समाजवादी पार्टी ने सुप्रिया एरन को बरेली कैंट से प्रत्याशी भी घोषित किया है।
आरती राणा