देहरादून- उत्तराखंड वन विभाग में नए मुखिया की तैनाती के बाद ही पूरे महकमे में हलचल मची हुई है जहां वन विभाग की कमान संभालने के बाद बीते रोज तबादले हुए थे तो वहीं अब शासन द्वारा आज दो नए आदेश जारी किए हैं जिसमें बिना शासन की अनुमति के तबादले न किए जाने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही बीते रोज हुए तबादलों पर भी रोक लगा दी गई है।
उत्तराखंड वन विभाग में आज फिर दो नए आदेश जारी किए हैं
मनोज चन्द्रन, भारतीय वन सेवा (उत्तराखण्ड संवर्ग), मुख्य वन संरक्षक, निगरानी, मूल्यांकन, आई०टी० एवं आधुनिकीकरण, देहरादून को तत्काल प्रभाव से मुख्य वन संरक्षक, मानव संसाधन विकास एवं कार्मिक प्रबन्धन, उत्तराखण्ड देहरादून के अतिरिक्त प्रभार से अवमुक्त किया जाता है।
तत्क्रम में अग्रिम आदेशों तक मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन विकास एवं कार्मिक प्रबन्धन, उत्तराखण्ड देहरादून का प्रभार निशान्त वर्मा, मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षण, वनाग्नि एवं आपदा प्रबन्धन, उत्तराखण्ड देहरादून को उनके वर्तमान पदभार के साथ-साथ अतिरिक्त रूप से प्रदान किया जाता है।
निशान्त वर्मा, मुख्य वन संरक्षक तत्काल अपने नवीन पद का कार्यभार ग्रहण करते हुए अनुपालन आख्या शासन को उपलब्ध करायेंगे। उक्त अतिरिक्त प्रभार हेतु किसी भी प्रकार के अतिरिक्त वेतन / भत्ते आदि अनुमन्य नहीं होंगे।
वहीं दूसरी ओर सचिव विजय कुमार यादव ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।
आदेश के अनुसार उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल द्वारा रिट याचिका संख्या- 98/ एस0बी0 / 2023 राजीव भरतरी बनाम भारत संघ व अन्य में पारित निर्णयादेश दिनांक 03.04. 2023 के कार्यकारी अंश निम्नवत है-
15. We, therefore, direct that respondent No. 4 shall forthwith stand divested of his duties as PCCF/HoFF, and the writ petitioner shall forthwith be restored to the said post. He shall be permitted to take-over [charge at 10:00 AM tomorrow Leon 04.04.2013. However, since there are allegations made against the petitioner and he has been issued a charge-sheet, we restrain him from taking any decision on any matter concerning the charge-sheet issued to him, and he shall not deal with any file or matter relating to the charge-sheet
16. It is made clear that this order shall not prejudice the rights of the respondents to assail the order dated 24.02.2023, and it shall be subject to further orders in thrwrit petition, or in the petition preferred by the respondents against the impugned
order dated 24.02.2023
17. List on 24.04.2023
2- मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल के उक्त निर्णयादेश दिनांक: 03.04.2023 के क्रम में शासन के अर्द्ध-शासकीय पत्र संख्या-365 दिनांक 04.04.2023 द्वारा राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक एवं विनोद कुमार, प्रमुख वन संरक्षक को मा० न्यायालय द्वारा पारित उक्त निर्णयादेश दिनांक 03.04.2023 में प्रदत्त निर्देशों का अनुपालन किये जाने संबंधी निर्देश निर्गत किये गये हैं।
3- मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल के उक्त निर्णयादेश दिनांक 03.04. 2023 द्वारा राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक को प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) उत्तराखण्ड देहरादून के पद का पदभार दिनांक 04.04.2023 को ग्रहण किये जाने हेतु निर्देशित करते हुये उनके विरूद्ध निर्गत आरोप पत्र के दृष्टिगत राजीव भरतरी को उक्त आरोप पत्र में वर्णित विषयों से संबंधित प्रकरणों / पत्रावलियों पर किसी भी प्रकार का निर्णय लिये जाने तथा व्यवहुत किये जाने हेतु निषिद्ध किया गया है।
4- वन अनुभाग-1, उत्तराखण्ड शासन के पत्र संख्या-281, दिनांक 10.03.2023 द्वारा अखिल भारतीय सेवायें (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1969 के नियम-8 के अंतर्गत अखिल भारतीय सेवायें (आचरण) नियमावली, 1968 के नियम-3 (1) व 3(2) के उल्लंघन हेतु राजीव भरतरी को कदाचार, शासकीय दायित्वों का निर्वहन न करने, शासकीय कार्यों के निष्पादन में लापरवाही बरतने शासकीय निर्देशों / आदेशों की अवहेलना करने तथा अखिल भारतीय सेवायें (आचरण) नियमावली, 1968 में विहित प्राविधानों के विपरीत आचरण किये जाने के संबंध में 08 बिन्दुओं में आरोपित करते हुये आरोप पत्र निर्गत किया गया है।
5- उक्त आरोप पत्र दिनांक 10.03.2023 राजीव भरतरी के तत्समय प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), उत्तराखण्ड देहरादून पद पर कार्यरत रहने की अवधि के दौरान कार्बेट टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत कण्डी रोड निर्माण, मोरघट्टी तथा पाखरी वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरी वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण तथा पाखरी में प्रस्तावित टाइगर सफारी में वृक्षों के अवैध पातन के संबंध में गंभीर प्रशासनिक एवं आपराधिक अनियमितताओं संबंधी प्रकरण के संज्ञान में आने के बावजूद राजीव भरतरी द्वारा प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं किये जाने, अपने नियंत्रणाधीन क्षेत्र में किये जा रहे अनधिकृत एवं अवैध कार्यों की रोकथाम किये जाने में पूर्ण रूप से विफल रहने समय-समय पर निर्गत शासकीय निर्देशों / आदेशों की अवहेलना किये जान, विषयगत प्रकरण में वृक्षों के अवैध पालन की जानकारी होने के बावजूद तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) के पद पर कार्यरत रहते हुये अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन न करते हुये प्रकरण में अपेक्षित कार्यवाही नहीं किये जाने से प्रकरण में राजीव भरतरी की संलिप्तता परिलक्षित होने तथा राजाजी राष्ट्रीय पार्क के अंतर्गत कथित विभिन्न गंभीर अनियमितताओं एवं लोक धन के दुरुपयोग से संबंधित गंभीर शिकायतों से संबंधित प्रकरण में शासन द्वारा प्रदत्त निर्देशों के क्रम में तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक (HoFF). उत्तराखण्ड देहरादून के पद पर कार्यरत रहने के दौरान कोई कार्यवाही नहीं किये जाने के संबंध में निर्गत किया गया है।
6- अतएव मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल द्वारा उक्त रिट याचिका संख्या- 98/ एस०पी० / 2023 राजीव भरतरी बनाम भारत संघ व अन्य में पारित निर्णयादेश दिनांक 03.04. 2023 में प्रदत्त निर्देशों के क्रम में राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक के विरुद्ध निर्गत उक्त आरोप पत्र दिनांक 10.03.2023 में वर्णित विषयों से संबंधित प्रकरणों / पत्रावलियों को राजीव भरतरी, प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), उत्तराखण्ड देहरादून के सम्मुख अवलोकनार्थ / आदेशार्थ प्रस्तुत नहीं किया जायेगा।
7- कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत भाण्डी रोड निर्माण, मोरघट्टी तथा पाखरी वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण पाखरी वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण तथा पाखरी में प्रस्तावित टाइगर सफारी में वृक्षों के पातन आदि के संबंध में गंभीर अनियमितताओं संबंधी प्रकरण का पर्यवेक्षण मा० उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली. मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल मा० राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, मा० उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा गठित केन्द्रीय 2023 में प्रदत्त निर्देशों के क्रम में राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक के विरूद्ध निर्गत उक्त आरोप पत्र दिनांक 10.03.2023 में वर्णित विषयों से संबंधित प्रकरणों / पत्रावलियों को राजीव भरतरी, प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), उत्तराखण्ड देहरादून के सम्मुख अवलोकनार्थ / आदेशार्थ प्रस्तुत नहीं किया जायेगा।
7- कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कण्डी रोड निर्माण, मोरघट्टी तथा पाखरी वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरी वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण तथा पाखरी में प्रस्तावित टाइगर सफारी में वृक्षों के अवैध पालन आदि के संबंध में गंभीर अनियमितताओं संबंधी प्रकरण का पर्यवेक्षण मा० उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली, मा० उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल, मा० राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण केन्द्रीय चिडियाघर प्राधिकरण, मा० उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा गठित केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, देहरादून के द्वारा किया जा रहा है।
अंतः उक्त्त प्रकरण के संबंध में मा० उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली: मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड नैनीताल, मा० राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण, केन्द्रीय चिडियाघर प्राधिकरण, मा० उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा गठित केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से किसी भी प्रकार का प्रस्ताव अथवा पत्राचार राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा नहीं किया जायेगा। उपर्युक्त विषयों के संबंध में किसी भी प्रकार का प्रस्ताव अथवा पत्राचार प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) उत्तराखण्ड देहरादून द्वारा शासन के अनुमोदनोपरान्त किया जायेगा।
8- उक्त के अतिरिक्त राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा वन विभाग के किसी भी कार्मिक का स्थानान्तरण, मुख्यालय के अंतर्गत तैनात अधिकारियों/कार्मिकों के मध्य नवीन कार्य विभाजन तथा कोई भी नीतिगत निर्णय शासन के अनुमोदन के पश्चात ही किया जायेगा।
9- उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावी होंगे तथा उक्त आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।
10- राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक (HoFF), उत्तराखण्ड देहरादून द्वारा उक्त आदेशों के अतिक्रमण में निर्गत समस्त आदेश, यदि कोई हो, तदनुसार स्वतः अपास्त समझे जायेंगे।