पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मृतक भाजपा कार्यकर्ता अर्जुन चौरसिया के घर पहुंचे। अर्जुन चौरसिया के घर वाले से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि घटना की सीबीआई जांच करवाई जाए। इस दौरान उन्होंने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- दीदी के राज में राजनीतिक हत्याएं चरम पर हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे के बीच आज भाजपा कार्यकर्ता का शव फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला।
मृतक की पहचान काशीपुर विधानसभा निवासी अर्जुन चौरसिया 27 वर्षीय के रूप में हुई है। अर्जुन की दादी के साथ भी मारपीट की गई थी। भाजपा इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग करती है। अमित शाह ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अर्जुन चौरसिया की हत्या के दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना का संज्ञान लिया है और बंगाल सरकार से एक रिपोर्ट मांगी है। भाजपा कार्यकर्ता की हत्या पर भारतीय जनता पार्टी ने शोक व्यक्त किया है। उधर, काशीपुर में शव मिलने के बाद भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन किरने लगे। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और प्रदर्शनकारियों को हटाया। कथित तौर पर प्रदर्शनकारी शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दे रहे थे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिन के बंगाल दौरे पर हैं। वह पश्चिम बंगाल में खुब रैलियां कर रहे हैं और टीएमसी व ममता बनर्जी पर निशाना साध रहे हैं। बीते दिन सिलिगुड़ी रैली में उन्होंने एक बार फिर से सीएए लागू करने की बात की। अमित शाह ने कहा, टीएमसी सीएए के बारे में अफवाहें फैला रही है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि जैसे ही कोविड-19 समापत हो जाएगा, हम सीएए को जमीनी तौर पर लागू करेंगे। ममता दीदी घुसपैठ कराना चाहती हैं, लेकिन सीएए एक हकीकत था, है और रहेगा।
अमित शाह कठिन वक्त में पहुंचे हैं बंगाल
अमित शाह राज्य के दौरे पर ऐसे कठिन वक्त में पहुंचे हैं जब 2021 विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद पार्टी को कई बड़े नेताओं के इस्तीफों और गुटबाजी का सामना करना पड़ा और पार्टी राज्य में खुद को फिर से ठीक-ठाक करने की कोशिश कर रही है। प्रदेश भाजपा नेता शाह के दौरे को पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने वाला मान रही है।
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अमित शाह पार्टी के आंतरिक अंसतोष को खत्म करने और खोई जमीन को फिर से हासिल करने की रणनीति तैयार करेंगे। विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने वाली तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के कई सांसदों और विधायकों में अपने पाले में कर लिया है। साथ ही सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं की हिंसा का भी पार्टी कार्यकर्ताओं को सामना करना पड़ रहा है।