मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश मोहन एम शांतनागौदर को श्रद्धांजलि देते हुए उनके अच्छे व्यक्तित्व कि भी तारीफ की। साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने कुछ ऐसे अहम निर्णयों को भी याद किया जिनका हिस्सा मोहन शांतनागैदर थे। शांतनागौदर कि मृत्यु इसी वर्ष 24 अप्रैल की रात को गुरुग्राम के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में हुई थी। उनका देहांत अपने कार्य सीमा से तीन वर्ष पूर्व हुआ।
न्यायाधीश शांतनागौदर 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रुप में नियुक्त किया गया था। उनकी कार्यकाल सीमा 5 मई 2023 तक की थी। उनके अचानक देहांत पर मुख्य न्यायाधीश का कहना था कि उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था कि उन्हें अपने सबसे अमूल्य साथी के स्वर्गवास पर संवेदना व्यक्त करनी पड़गी। मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहना था कि उनका निधन सुप्रीम कोर्ट के लिए बहुत अधिक हानि पहुंची है। साथ ही देश ने आम आदमी का एक न्यायाधीश खो दिया है। उनका कहना था कि उन्होनें एक करीबी मित्र व बहुमूल्य साथी गवाया है।
यह भी पढे़ं-प्रधानमंत्री ने किया व्यासी जल विद्युत परियोजना का लोकार्पण
शांतनागौदर के फैसलों में थी सादगी
एनवी रमण का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के फैसलों में सादगी, सामान्य ज्ञान व व्यवहारिक्ता नज़र आती थी। उनके लिए निर्णयों में उनकी विचार का तरीका, कई सालों का तजुर्बा तथा अनंत ज्ञान का प्रत्यक्ष अहसास होता है। इस मौके पर वर्चुअल माध्यम से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी उन्हें आसान व्यक्तिव वाले शख्स बताया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने भी उन्हे निडर फैसले लेने वाला व्यक्ति बताया।
अंजली सजवाण