मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी पर्व पर अपनी कर्मस्थली गोरखपुर में अलग भूमिका में होते हैं। योगी की भूमिका में वह दूसरे कार्य का निर्वहन करते हैं। मकर संक्रांति महापर्व पर बीते दिन गोरक्षपीठधीश्वर तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में शिवावतार महायोगी गुरु गोरखनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद मंदिर की तरफ से खिचड़ी चढ़ाई। इसके बाद उन्होंने नेपाल राजपरिवार की खिचड़ी अर्पित की। गोरखनाथ मंदिर में इसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए। श्रद्धालुओं ने गोरखनाथ बाबा के चरणों में खिचड़ी चढ़ाई माथा टेका और मंगलकामना की।
गोरखनाथ में दुर दराज से आए हजारों श्रध्दालुओं की जयघोष से वातारण गुंजायमान है बाबा के चारों तरफ भक्ति और उत्साह का माहौल है भोर में तीन बजे ही घंटा घड़ियाल की ध्वनि से मंदिर परिसर गूंज उठा। सबसे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गुरु गोरखनाथ की विशेष पूजा अर्चना की। रोट के महाप्रसाद से गुरु गोरक्षनाथ को भोग लगाया इसके बाद विश्व की सुख समृध्दी की कामना के साथ मंदिर की ओर से उन्होंने खिचड़ी चढ़ाई। इसके बाद मंदिर के कपाट श्रध्दालुओं के लिए खोल दिए गए।
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त्रेतायुगीन है बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा त्रेतायुगीन मानी जाती है मान्यता है कि उस समय आदि योगी गुरु गोरखनाथ एक बार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मां ज्वाला देवी के दरबार में पहुंचे मां ने उनके भोजने का प्रबंध किया कई प्रकार के व्यंजन देख बाबा ने कहा कि वह तो योगी हैं और भिक्षा मे प्राप्त चीजों को ही भोजन रुप मे ग्रहण करते हैं जिसके बाद उन्होंने मां ज्वाला देवी से पानी गर्म करने का निवेदन किया और स्वयं भिक्षाटन को निकल गए जिसके बाद वह भिक्षा मांगते गुए गोरखपुर आ पहुंचे और यहीं धुनी रमाकर साधनालीन हो गए उनका तेज देख तभी से लोग उनके खप्पर में अन्न चावल, दाल दान करते रहे। इस दौरान मकर संक्रांति का पर्व आने पर लोगों ने उन्हें खिचड़ी अर्पित की। तभी से हर मकर संक्रांति पर बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई जाती है। कहा जाता है कि वहां ज्वाला देवी के दरबार में बाबा की खिचड़ी पकाने के लिए आज भी पानी उबल रहा है।
आरती राणा