19 नवंबर को पीएम मोदी की कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा की थी उसके बाद 29 नवंबर को संसद ने भी शीतकालीन सत्र के पहले दिन इस कानून की पूरी प्रकिया को वापस ले लिया गया था लेकिन तभी भी किसानों ने आंदोलन को खत्म करने से मना कर दिया था। फिर जब उसके बाद सरकार ने किसानों की मांग मानने के बाद उनको लिखित पत्र दिया तो उसके बाद उन्होंने यह किसान आंदोलन खत्म किया।
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साथ ही इस किसान कानून को खत्म होने के बाद किसान नेता ने यह भी कहा कि हर साल 10 दिन के लिए किसान आंदोलन का आयोजन करेंगे इसके साथ-साथ किसान महापंचयत का आयोजन भी समय-समय पर किया जाएगा। अब यह आंदोलन सफलतापूर्वक खत्म होने के बाद किसान दिल्ली बॉर्डर को खाली करने के बाद अपने घरों की ओर वापसी कर हैं। किसान नेता का कहना है कि 15 दिसंबर तक सारे बॉर्डर पूरी तरह से खाली कर दिए जाएंगे। इस आंदोलन की वजह से जो लोगों को परेशानियां हो रही थी अब वह भी नहीं होंगी।
आरती राणा