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FORDA ने डॉक्टरों को ओपीडी सेवाओं से दूर रहने को कहा

चिकित्सकों के शारीरिक संकट नहीं है राहत

27 नवंबर को FORDA (फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन) ने संपूर्ण देश में नीट पीजी के मामले को लेकर हड़ताल करने की अपील की हैं। साथ ही अपनी घोषणा में शनिवार को देशभर के डॉक्टरों को ओपीडी सेवाओं से दूर रहने के लिए कहा है। उन्होनें ऐसा 2021 की एसोसिएशन नीट पीजी काउंसलिंग का आयोजन करने में हर बार हो रही देरी के विरोध में समस्त देश के कई डॉक्टरों के संगठनों को यह घोषण की है। वहीं कल से लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, राम मनोहर लोहिया अस्पताल व वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के आरडीए ने दिल्ली में ओपीडी बंद करने का एलान किया है।

सकारात्मक परिणाम का है इंतजार

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट नीट परीक्षा में केंद्र सरकार तथा मेडिकल काउंसिलिंग समिति द्वारा 27 प्रतिशत ओबीसी को व 10 प्रतिशत EWS को आरक्षण देने की विशेष सूचनाओं के विरुद्ध में सुनवाई कर रही है। साथ ही इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को EWS वर्ग के लिए 8 लाख रुपये की सालाना वेतन सीमा पर 4 हफ्ते के भीतर पुनः विचार करने के लिए निर्देश दिए हैं। उसके पश्चात नीट पीजी की काउंसलिंग होगी। इस पर फोर्डा द्वारा कहा गया है कि वह इस केस में शीर्ष न्यायालय की ओर से सकारात्मक परिणाम का इंतजार कर रहें हैं। जानकारी के अनुसार FORDA  का अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहना था कि देश में रेजिडेंट डॉक्टर पहले से ही बोझ से दबे व थके हुए हैं। साथ ही शुरुआत से ही कोविड-19 महामारी में फ्रंट लाइन में लड़ रहे हैं। उनका कहना था कि चिकित्सकों को शारीरिक व मानसिक संकट में किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल रही है। यह भी पढ़ें- भूकंप के झटकों से हिला असम का गुवाहाटी

अगली सुनवाई होगी 6 जनवरी को

कोर्ट द्वारा अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को निर्धारित हुई है। साथ ही डॉक्टरों के फेडरेशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा कि वे किसी भी प्रकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया ना मिलने पर वह अपने विरोध प्रदर्शन को तेज करने के लिए मजबूर हे जाएंगे। वहीं देश के विभिन्न रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन(आरडीए) अपनी बैठकों में मिली आम सहमति के आधार पर निर्णय ले रहे हैं। अंजली सजवाण           

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