14 फरवरी को हुए मतदान में जहां कनार के ग्रामीणों के द्वारा सड़क ना पहुंचने के चलते चुनाव बहिष्कार किया गया था। जिसके बाद आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कनार के ग्रामीणों के गुस्सा को जायज बताते हुए कहा की कनार सहित कई गांवों में इस चुनाव में वोट नहीं डाला हैं, उनका गुस्सा उचित है। कनार का तो मैं साक्षी हूँ, मुख्यमंत्री के रूप में मैंने फॉरेस्ट के अंदर से फॉरेस्ट को ही सड़क ले जाने की अनुमति दी थी और पैसा दिया था, लेकिन वह काम सत्ता परिवर्तन के साथ हो नहीं पाया।
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कनार वासियों मैं आपसे क्षमा प्रार्थी हूं यदि कभी कनार की देवी ने मेरे ऊपर कृपा की, मेरे हाथ में बागडोर आई तो मैं कनार के लिए सड़क का निर्माण अवश्य करूंगा और उसी तरीके से जिन गांवों ने भी बहिष्कार किया है, कांग्रेस सत्ता में आएगी हम उन गांवों के साथ संवाद प्रारंभ करेंगे और जिस कारण उन्होंने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग नहीं किया, उस कारण का निदान करेंगे।