दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहुंचे घर
कोर्ट की अनुमति के बाद बीमार पत्नी से मिलने अपने घर पहुंचे मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद शनिवार सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर अपनी बीमार पत्नी से मिलने पुलिस हिरासत में मथुरा रोड स्थित आवास पर पहुंचे. जानकारी के मुताबिक उनकी पत्नी लंबे समय से मल्टीपल एस्केलेरोसिस नामक बीमारी से पीड़ित हैं.
इससे पहले सिसोदिया को दिल्ली हाईकोर्ट ने जून में भी बीमार पत्नी से मुलाकात करने के लिए सुबह 10:00 बजे शाम 5:00 बजे तक की अनुमति दी थी. इसके बाद अब दूसरी बार वह कोर्ट की अनुमति लेकर पत्नी से मिलने घर पहुंचे हैं. उनके घर के अंदर परिवार के एक दो और सदस्य भी मौजूद हैं. जिस सरकारी आवास में सिसोदिया की पत्नी रह रही हैं, वह मनीष सिसोदिया को पहले ही आवंटित किया गया था.
इससे पहले शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को बीमार पत्नी से मिलने के लिए इजाजत दी थी. इस दौरान जज एमके नागपाल ने उन्हें सुबह 10 से शाम चार बजे तक पुलिस हिरासत में घर पर मुलाकात की इजाजत दी थी. साथ ही कोर्ट ने यह शर्त भी रखी थी कि इस दौरान सिसोदिया न मीडिया से बात करेंगे न किसी राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेंगे. बता दें कि सिसोदिया ने गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने अपनी बीमार पत्नी से पांच दिन तक पुलिस हिरासत में मुलाकात करने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उन्हें एक ही दिन की मुलाकात के लिए अनुमति दी है.
गौरतलब है कि आबकारी घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में पिछले महीने ही सिसोदिया की राउज ऐवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 22 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी थी. उल्लेखनीय है कि राउज एवेन्यू कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसपर पिछले दो महीने से सुनवाई जारी है. सुप्रीम कोर्ट में भी सिसोदिया की जमानत याचिका का ईडी और सीबीआई ने कई दलीलों के साथ विरोध किया है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की दलिलें सुनने के बाद टिप्पणी की थी कि अगर पूरे घोटाले से आम आदमी पार्टी को फायदा हुआ है तो आम आदमी पार्टी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अब ईडी आम आदमी पार्टी को भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाने पर विचार कर रही है. इसको लेकर के राजनीतिक हलकों चर्चा तेज है. लोगों का मानना है कि अगर आम आदमी पार्टी को मनी लोडिंग मामले में आरोपी बनाया जाता है तो इससे पार्टी के नेतृत्व और संगठन दोनों पर नकारात्मक असर पड़ेगा.