
हल्द्वानी रेलवे भूमि प्रकरण को लेकर उत्तराखंड में सियासत तेज हो गई है।बता दें कि पूर्व सीएम हरीश रावत मामले को लेकर हल्दानी में उपवास पर बैठे हैं। रावत ने रेलवे भूमि के अतिक्रमण के मामले में कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है।
तो वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय में अपना प्रकरण सही तरह से नहीं रखा है। कहा कि रेलवे जिसको अपनी जमीन बता रहा है, उस जगह पर कई सरकारी स्कूल, फ्री होल्ड जमीन और सरकारी संपत्ति हैं। इसलिए राज्य सरकार को चाहिए कि वह उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रखे। कहा कि सरकार के मन में खोट है और वह किसी भी तरह से पीड़ितों को बेदखल करना चाहती है।रेलवे भूमि की जद में आ रहे बनभूलपुरा के लोग अपने आशियाने बचाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हुए हैं। लाइन नंबर 17 में चोरगलिया रोड के पास सैकड़ों लोग एकजुट हुए और सामूहिक दुआ की। मस्जिद बिलाली के पेश इमाम मौलाना मो. आसिम ने दुआ कराई। घर और मकानों बचाने के लिए बारगाहे इलाही में गुहार लगाई।
रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया है। जारी नोटिस में कहा गया है कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा। सात दिन के अंदर अतिक्रमणकारी खुद अपना कब्जा हटा लें, अन्यथा हाईकोर्ट के आदेशानुसार अतिक्रमण तोड़ दिया जाएगा।
तो डीएम ने 29 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने नगर निगम को सफाई करने, जलसंस्थान को स्टेडियम में पानी चलाने और लोनिवि को जनरेटर, शौचालय, स्नानघर और किचन बनाने के निर्देश दिए थे। मिनी स्टेडियम हल्द्वानी में भी पानी, शौचालय, स्नानघर बनाने के निर्देश दिए थे। उधर लोनिवि ने स्नानघर, किचन, बनाने का काम शुरू कर दिया है। मिनी स्टेडियम में भी स्नानघर बनाए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए अतिक्रमण क्षेत्र को चार सुपर जोन में बांटा है। सुपर जोन में एडीएम स्तर के अधिकारी और जोन, सेक्टर में एसडीएम स्तर के अधिकारी तैनात होंगे। इसके लिए 10 एडीएम और 30 एसडीएम मांगे गए हैं।तो जिला प्रशासन ने अतिक्रमण वाले क्षेत्र को चार सुपर जोन, 14 जोन और 30 सेक्टर में बांटा है।