प्रदेशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण और ओमिक्रोन के मामलों को देखते हुए और जनहित याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट ने आगामी विधानसभा चुनाव की रैलियों पर 15 जनवरी तक रोक लगा दी थी, जिसे लेकर आज फिर कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। एक बार पहले भी जनहित द्वारा दी गई याचिका के आधार से कोर्ट ने रैलियों को वर्चुअल माध्यम से करने का फैसला लिया था।
मुख्य निर्वाचन चुनाव आयोग ने पिछली सुनवाई में मुख्य सचिव सहित अधिकारियों के साथ बैठक में रैलियां स्थगित करने को लेकर चर्चा की थी, जिसमें आयोग की ओर कहा गया था कि चुनाव नजदीक है और प्रदेश में इतनी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है कि रैलियों पर एकदम प्रतिबंध लगाया जाए।
जनहित की याचिका व कोरोना के मामलों को देख आयोग ने 15 जनवरी तक इन पर रोक लगा दी थी, लेकिन आज फिर इसको लेकर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। दरअसल प्रदेशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए अधिवक्ता शिव भट्ट और विचाराधीन सच्चिदानंद डबराल व अन्य लोगों द्वारा कोर्ट में एक जनहित याचिका दर्ज की गई थी, जिसमें लिखा था कि कोरोना संक्रमण और इसके नए वैरिएंट ओमिक्रोन के केस लगातार प्रदेशभर में बढ़ते जा रहे है, इस बीच राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव संबंधी रैलियां की जा रही है, जिनसे संक्रमण के ओर अधिक मात्रा में फैलने के आसार है।
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राजनीतिक रैलियों से फैल रहा संक्रमण
विचाराधीन सच्चिदानंद व अन्य ने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी देहरादून में रैली कराई गई वहीं राज्य सरकार कहती है कि सरकार कोविड से लड़ने को पूरी तरह तैयार है, लेकिन इन राजनीतिक दलों द्वारा रैलियों के माध्यम से ओर अधिक संक्रमण फैलाया जा रहा है। शिव भट्ट और सच्चिदानंद डबराल व अन्य लोगों द्वारा दी गई इस याचिका को लेकर आज फिर से सुनवाई होगी।
सिमरन बिंजोला