राष्ट्रीय मुक्त विद्यालीय शिक्षा संस्थान से डीएलएड कर चुके अभ्यर्थियों को 2648 पदों पर होने वाली शिक्षक भर्ती में शामिल करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब शासन से पूरे प्रकरण की तथ्यों के साथ रिपोर्ट तलब की है।
तो वही प्रदेश के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए शिक्षा विभाग ने वर्ष 2020-21 में 2648 पदों के लिए आवेदन मांगे थे।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से डीएलएड और बीएड अभ्यर्थियों के साथ ही एनआईओएस से डीएलएड करने वालों ने इसके लिए आवेदन किए थे। सरकार ने एनआईओएस से डीएलएड अभ्यर्थियों को पहले शिक्षक भर्ती में शामिल किया, जबकि बाद में उन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल करने से इनकार कर दिया।
हाईकोर्ट ने शासन के 10 फरवरी 2022 के आदेश को रद्द कर इन्हें शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल कर दी गई।
बता दें कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एनआईओएस से डीएलएड को यदि शिक्षक भर्ती में शामिल किया गया तो 60 से ज्यादा बीएड के आधार पर नियुक्ति पाए शिक्षकों की नियुक्ति रद्द होगी।