Sahastradhara road पर स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड की जमीन को कुछ लोगों द्वारा जबरन कब्जाने का प्रयास किया जा रहा है। नगर निगम के चार साल से बंद पड़े ट्रेचिंग ग्राउंड में दो दिनों से दर्जनों की संख्या में लोगों का जमाव देखने को मिल रहा है। इन लोगों द्वारा ग्राउंड में कच्चे मकान बनाए गए है। जिसे देखकर स्थानीय लोगों में गुस्से के भाव उत्पन हो गए, और उन्होंने इसका जमकर विरोध किया। जब लोगों द्वारा ग्राउंड में कच्चे मकान को लेकर इसका विरोध किया गया, तो जमीन कब्जानेवाले लोगों ने स्थानीय लोगों से मारमीट करने का प्रयास किया। ग्राउंड में जमकर हंगामा हुआ। स्थानीय लोगों ने नगर निगम अधिकारियों को मौके पर हुए हंगामें की जानकारी दी। नगर निगम आयुक्त अधिकारी अभिषेक रुहेला ने कहा कि, भूमाफियों की टीम को ग्राउंड से हटाने और मामले की कार्रवाई करने को कहा गया है।
लगभग 15 साल से चल रही लंबी कार्रवाई के बाद ट्रेचिंग ग्राउंड से एक दिसम्बर 2017 को सहस्त्रधारा रोड के लगभग दस हजार लोगों को राहत मिली थी। साल 2002 में नगर निगम द्वारा यहां कूड़ा डंप किया जाता था। स्थानीय लोगों ने इसको लेकर 15 साल तक सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी में लड़ाई लड़ी है। दिसम्बर 2017 में यहां ताला लगा दिया गया था। नगर निगम का कूड़ा शीशमबाड़ा जाने लगा। चार साल से ग्राउंड बंद है, लेकिन कूड़ा वैसे का वैसे ही पड़ा है। दो साल पहले सरकार ने निर्णय लिया था कि ट्रेंचिंग ग्राउंड की चार हेक्टेयर जमीन पर सैन्य धाम व चार हेक्टेयर में सिटी पार्क बनाया जाएगा। लेकिन बाद में सैन्य धाम के लिए पुरकुल में जमीन चुन ली गई। सिटी पार्क बनवाने को लेकर अभी कुछ विचार नहीं किए गए है।
ग्राउंड को कब्जाने की कोशिश
भूमाफियों द्वारा यहां कि जमीन पर अवैध रुप से कब्जा किया जा रहा है। पिछले वर्ष भी यहां पर निगम ने कई कच्चे मकानों को हटाया था। बीते दो दिनों में फिर से यहां पर दर्जनों की संख्या में झोपड़ियां खड़ी कर दी गई है। नगर आयुक्त ने इसको देख जमीन को खाली करने व कच्ची झोपड़ियों को जेसीबी से ध्वस्त करने के आदेश दिए है।