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IMA के 92 सालों के इतिहास में बड़ा बदलाव, पहली बार अकादमी में महिला कैडेट का बैच लेगा प्रशिक्षण

राजधानी देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) के 92 सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि आगामी जुलाई महिने से महिला कैडेट भी अकादमी में प्रशिक्षण लेंगी। जी हां, सही सुना आपने, यह अकादमी के 92 साल के इतिहास में पहला अवसर होगा जब महिला कैडेट यहां प्री-मिलिट्री ट्रेनिंग प्राप्त करेंगी। NDA से पासआउट हो जाने के बाद ये महिला कैडेट्स एक साल के लिए सैन्य प्रशिक्षण लेने भारतीय सैन्य अकादमी आएंगी।

IMA के 92 सालों के इतिहास में बड़ा बदलाव

  उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) के इतिहास में जल्द ही एक बड़ा बदलाव होने वाला है, आपको बता दें कि आगामी जुलाई माह से इस प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण के लिए महिलाओं का पहला बैच शामिल होने वाला है, यह इस प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी के 92 सालों के इतिहास में पहली बार होगा कि जब यहां पर महिला कैडेट प्री-मिलिट्री ट्रेनिंग प्राप्त करेंगी और उसके बाद पासआउट होकर सेना में अफसर बनेंगी। साथ ही आपको बताते चलें कि इसी क्रम में बीते कुछ समय पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने खड़गवासला स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के दरवाजे महिलाओं के लिए खोलने के आदेश दिए थे, जिसके बाद से महिला कैडेटों को एनडीए में प्रवेश मिलना शुरू हुआ था। लिहाजा अब छठे एवं फाइनल टर्म की 18 महिला कैडेट में आठ ने थल सेना का विकल्प चुना है। लिहाजा NDA से पासआउट हो जाने के बाद ये महिला कैडेट्स एक साल के लिए सैन्य प्रशिक्षण लेने भारतीय सैन्य अकादमी आएंगी।      

पहली बार अकादमी में महिला कैडेट का बैच लेगा प्रशिक्षण

          आपको बता दें कि इस प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना 1 अक्तूबर सन् 1932 में हुई थी और अकादमी के सर्वप्रथम बैच में कुल 40 जैंटलमैन केडेट पासआउट हुए थे। अकादमी को स्थापित हुए कुल नौ दशक बीत चुके हैं और इन नौ दशको में अकादमी ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता को 40 कैडेट से बढ़ाकर ,650 जैंटलमैन कैडेट तक कर लिया है। आपको बताते चलें कि इन नौ दशकों में अकादमी से अब तक 65 हजार से भी अधिक ऑफिसर कैडेट्स पासआउट हो चुके हैं। इन कैडेट्स में भारत के मित्र राष्ट्रों के भी कैडेट्स शामिल हैं। वहीं आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आगामी जुलाई से अकादमी में महिला कैडेटों का पहला बैच सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने लगेगा। यह अकादमी के 92 साल के इतिहास में पहला अनुभव होगा। भारतीय सैन्य अकादमी का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है और यहां से पासआउट कैडेटों ने सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है।          
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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