HNN Shortsउत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन

देहरादून : जलवायु परिवर्तन के चलते मानवजाति के समक्ष वर्तमान चुनौतियों से निपटने और प्रौद्योगिकी में आवश्यक परिवर्तन पर मंथन के उद्देश्य से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश विदेश के जाने माने विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। गुरूवार को मांडूवाला स्थित देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग द्वारा इंस्टीट्यूशंस ऑफ़ इंजीनियर इंडिया, डिजास्टर अवेयरनेस एंड मैनेजमेंट फोरम, यूसर्क, यूकॉस्ट, यूजेवीएनएल के सहयोग से ‘हरित और सतत विकास के लिए स्मार्ट इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज़’ पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन का शुभारम्भ हुआ, जिसमें देश दुनिया के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियर्स, कोलकाता के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हरित विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए हमें पर्यावरण पर दुष्प्रभाव डालने वाली प्रौद्योगिकी के स्थान पर हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में इंजीनियर्स का महत्वपूर्ण योगदान है। अब इंजीनियर्स को स्मार्ट प्रौद्योगिकी के माध्यम से हरित और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रुरत है। विशिष्ट अतिथि डिजास्टर अवेयरनेस एंड मैनेजमेंट फोरम के अध्यक्ष एससी गोयल ने दैवीय आपदाओं को रोकने हेतु पर्यावरण अनुकूल हरित विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पर्यावरण संतुलन के अनुकूल प्रौद्योगिकी का दैनिक जीवन में समावेश किया जा सके ताकि विभिन्न दैवीय आपदाओं से पृथ्वी को सुरक्षित बनाया जा सके। साथ ही उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पर्यावरण अनुकूल डिज़ाइन, विकास और निर्माण पर ज़ोर दिया। आईआईटी दिल्ली के डॉ भीम सिंह ने सौर ऊर्जा आधारित नवीन तकनीकी पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही। इस अवसर पर सेंट पीटर्सबर्ग रशियन फेडरेशन के डॉ ग्लेब रोगोजिन्स्की और एलेक्ज़ांड्रा रोगोजुइस्का ने भी दुनिया भर में इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों में इंजीनियरों के वैज्ञानिक निष्कर्ष, उपलब्धियाँ और अवधारणा के अनुप्रयोग और विकास पर चर्चा की। आईसीएफआरई के महानिदेशक डॉ शशि कुमार और जामिया मीलिया दिल्ली के डॉ अरुणेश कुमार ने भी हरित और सतत विकास पर अपने विचार रखे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संजय बंसल ने हरित विकास की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए गणमान्य व्यक्तयों का स्वागत किया। उपकुलाधिपति अमन बंसल ने स्मार्ट टेक्नोलॉजी पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय द्वारा उपयोग में लायी जा रही सौर ऊर्जा प्रणाली की ओर ध्यान आकृष्ट किया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने सभी अतिथियों को सम्मानित किया। इस दौरान उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, सलाहकार डॉ एके जायसवाल, डीन स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग व कार्यक्रम समन्वयक डॉ रितिका मेहरा सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button