जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस चंद्रचूड़ का नाम केंद्र सरकार को भेज दिया है। चंद्रचूड़ 9 नवंबर को चीफ जस्टिस बनेंगे और उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 2016 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. उससे पहले वह इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे। जज के रूप में उनकी पहली नियुक्ति साल 2000 में बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई थी. उससे पहले 1998 से 2000 तक वह भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रहे है।
एबॉर्शन जैसे फैसले को दे चुके है मान्यता
हाल ही में जस्टिस चंद्रचूड़ ने अनमैरिड महिलाओं को भी 20 से 24 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति दी। इस ऐतिहासिक फैसले में उन्होंने यह भी कहा कि अगर पति ने ज़बरन संबंध बना कर पत्नी को गर्भवती किया है, तो उसे भी 24 हफ्ते तक गर्भपात का अधिकार होगा। और इस तरह गर्भपात के मामले ने ही सही, कानून में पहली बार वैवाहिक बलात्कार यानी मैरिटल रेप को मान्यता मिली।
मौलिक अधिकारों को लेकर सजग
मौलिक अधिकारों को लेकर जस्टिस चंद्रचूड़ सजग रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक और वैचारिक रूप से अलग-अलग छोर पर खड़े लोगों की फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन की स्वतंत्रता पर एक जैसा आदेश दिया है। उनका कहना है कि सिर्फ अपने विचार प्रकट करने के लिए किसी को जेल में डाल देना सही नहीं है।
कोविड के दौर में उन्होंने ऑक्सीजन और दवाइयों की उपलब्धता पर कई आदेश दिए. एक ऐसा मौका भी आया जब वह खुद कोरोना पीड़ित होने के बावजूद अपने घर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए सुनवाई से जुड़े। हाल ही में उन्होंने रात 9 बज कर 10 मिनट तक कोर्ट की कार्यवाही चलाई और उस दिन अपने सामने लगे सभी मामलों को निपटाया।