भाजपा ने 5 राज्यों में से 4 प्रदेशों में पूर्ण बहुमत के साथ शानदार वापसी की है। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार जीत हासिल कर भाजपा ने पुराना मिथक को भी तोड़ दिया। लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी का खटीमा सीट से चुनाव हार जाना सबको चौंकाने वाला रहा।जिसके बाद से सीएम फेस को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं।
धामी के चुनाव हारने के बाद से कयास लगाया जा रहा है कि देवभूमि में किसी और को सीएम बनाया जा सकता है, लेकिन कई पार्टी विधायकों ने पुष्कर धामी के लिए अपना समर्थन जताया है। इतना ही नहीं उन्होंने धामी के चुनाव लड़ने के लिए अपनी सीट भी छोड़ने की भी बात कही है। पार्टी में कई ऐसे विधायक हैं जो धामी को एक बार फिर से सीएम बनाना चाहते हैं।
रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि यदि राष्ट्रीय नेतृत्व पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाता है तो वो उनके चुनाव लड़ने के लिए रुड़की सीट छोड़ने को तैयार हैं। चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी और कपकोट विधायक सुरेश गड़िया के बाद अब भाजपा के चार और विधायकों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है। करीब आधा दर्जन विधायक सीएम के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार। गौरतलब है कि रामनगर से विधायक दीवान सिंह बिष्ट और काशीपुर से नवनिर्वाचित विधायक त्रिलोक सिंह चीमा की भी पसंद धामी हैं। चीमा का कहना है कि राज्य को धामी जैसा ऊर्जावान और युवा सीएम मिलना चाहिए।
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अरविंद पांडे ने पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि सीएम पुष्कर धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में भाजपा बहुमत के साथ जीती है। इसलिए अगर वह दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो इस पर कोई भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए। वही धामी चुनाव हार कर भी अपने विधायकों और नेताओं के दिलों को जीतने में कामयाब रहे हैं। तभी तो पार्टी में उनके समर्थन में लगातार आवाजें बुलंद हो रही है।